Poultry: ब्रॉलयर मुर्गों को पालने के दौरान आती है ये तीन दिक्कतें, पढ़ें यहां

मुर्गियों के रहने की जगह को साफ-सुथरा रखना चाहिए.

प्रतीकात्मक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

नई दिल्ली. ब्रॉयलर मुर्गों को मीट उत्पादन के लिए पाला जाता है. पोल्ट्री फार्मिंग का यह काम बहुत ही अच्छा माना जाता है. बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की मानें तो ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्मिंग से किसान अच्छी खासी इनकम कमा सकता है. ब्रॉयलर मुर्गों का वजन के हिसाब से दाम लगता है और फिर पोल्ट्री फार्मर को इससे कमाई होती है. अगर आप भी पोल्ट्री फार्मिंग के काम को शुरू करना चाहते हैं और चाहते हैं कि जल्दी-जल्दी कमाई करने का मौका मिले तो ब्रॉयलर फार्मिंग कर सकते हैं. क्योंकि इसमें आपको 40 दिन में ही रिजल्ट देखने को मिलेगा और आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.

कुल मिलाकर कहा जाए तो ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्मिंग अच्छी है लेकिन जिस तरह से सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरीके से इस तरह की फार्मिंग के भी दो पहलू हैं. जहां इससे फायदा होता है तो वहीं नुकसान होने का भी खतरा रहता है. दरअसल, ब्रॉयलर फार्मिंग में कुछ तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जिससे नुकसान होता है.

पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि बॉयलर मुर्गों को वक्त पर वैक्सीन लगाना बेहद ही जरूरी है. अगर समय पर वैक्सीन नहीं लगाई गई तो मुर्गियों में बीमारियां सकती हैं और बर्ड की मौत हो सकती है. जिससे पोल्ट्री फार्मिंग के काम में बड़ा आर्थिक नुकसान हो सकता है.

जब मुर्गा तैयार हो जाएं यानि 40 दिन में उसका वजन बेचने लायक हो जाए तब उसे फॉर्म में नहीं रखना चाहिए. क्योंकि ज्यादा दिन रखने से उनके मरने का खतरा ज्यादा रहता है. यानी मुर्गों में मृत्यु दर दिखाई दे सकती है. जिससे आपको नुकसान के सामना करना पड़ा सकता है.

ब्रॉयलर मुर्गा फार्म खोलने के लिए बजट अहम होता है. क्योंकि मुर्गी फीड खाकर ही वजन बढ़ाती है. जबकि सबसे ज्यादा खर्च फीड पर ही आता है. इसलिए आपको अपना बजट ज्यादा रखना होगा. वहीं आपको इसके लिए ट्रेनिंग भी लेना होगा. बिना ट्रेनिंग के फॉर्म शुरू करने में आपको लॉस हो सकता है.

निष्कर्ष
अगर आप ब्रॉयलर फार्मिंग करते हैं तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें, तभी आपको फायदा मिलेगा नहीं तो नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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