Poultry: सितंबर के महीने में ये काम करना है बेहद जरूरी, डिटेल पढ़ें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग में सितंबर का महीना बेहद ही अहम होता है. बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fishery Resources) की मानें तो इस महीने में मुर्गियों का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी है. कुछ ऐसे काम हैं, जिन्हें जरूर कर लेना चाहिए. ऐसा करना मुर्गियों की बेहतर सेहत और अच्छे उत्पादन के लिए बहुत ही जरूरी है. यदि आप ऐसा कर लेते हैं तो पोल्ट्री फार्मिंग के काम में नुकसान होने का खतरा बेहद ही कम हो जाएगा. यदि आप इन अहम बातों को जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें.

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (Livestock Animal News) आपको इस तरह की नई-नई अपडेट देता रहता है ताकि पोल्ट्री फार्मिंग के काम में आपको नुकसान न उठाना पड़े.

चूजों की देखभाल इस तरह करें
नवजात चूजों को गर्म और सूखे वातावरण में रखें, अच्छी तरह से देखभाल करें.

ब्रूडर तापमान 90-95°F (32-35°C) के बीच रखें, नहीं तो चूजों को दिक्कतें हो सकती हैं.

संक्रमण से बचाव के लिए चूजों को ऑरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन, विटामिन सप्लीमेंट देना बेहद ही जरूरी काम में से एक है.

ब्रॉयलर मुर्गों के लिए भी कुछ जरूरी चीजें ध्यान में रखनी चाहिए. यदि आप ब्रॉयलर पाल रहे हैं तो उनका वजन और वृद्धि नियमित जांचें.

यदि आप लेयर पाल रहे हैं, तो शेड में पर्याप्त लाइट, संतुलित आहार और शांति बनाए रखें, ताकि मुर्गियों का अंडा उत्पादन सही रहे.

मुर्गियों का अंडा उत्पाद कम लाइट होने से प्रभावित हो सकता है. वहीं उन्हें अंडे के उत्पादन के लिए संतुलित आहार भी मिलना चाहिए.

रिकॉर्ड रखना भी है बेहद जरूरी
हमेशा ही दाना खपत, अंडा उत्पादन, टीकाकरण, दवा, बीमारी आदि का रेकॉर्ड रखें.

इससे मुर्गी पालन में सुधार और आर्थिक विश्लेषण संभव होता है.

पानी कैसा पिलाएं
एक्सपर्ट के मुताबिक पीने के पानी की साफ-सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करें.

गंदा या बासी पानी देने से आंतों के संक्रमण हो सकता है.

संतुलित आहार दें, जिसमें प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरल और विटामिन्स हों.

दाना गीला या फफूंदयुक्त न हो, इससे फंगल इंफेक्शन हो सकता है.

निष्कर्ष
यदि आप इन कामों को कर लेते हैं तो फिर पोल्ट्री फार्मिंग के काम में आपको नुकसा नहीं उठाना पड़ेगा.

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