नई दिल्ली. मुर्गियों में बीमारी का पहला नुकसान उत्पादन में कमी और दूसरा नुकसान मुत्युदर से पोल्ट्री फार्मिंग के बिजनेस में घाटा है. इसलिए बीमारियों की जानकारी होना जरूरी है. मुर्गियों में इन्फेक्शीयस लेरिंगो ट्रेकिआईटिस (आईएलटी) नाम की बीमारी होती है. ये बीमारी बेहद ही खतरनाक बीमारी है. राजस्थान केे पशुपालन विभाग (Department of Animal Husbandry, Rajasthan) के एक्सपर्ट कहते हैं कि यह खतरनाक छूतदार और गले को ब्लॉक करने वाली बीमारी है. ये बीमारी तुरंत फैलने वाली सांस की बीमारी है. यह रोग रानीखेत से मिलता-जुलता है. यह अधिकतर 5-10 माह की उम्र की मुर्गियों में ज्यादा होता है.
मुर्गियों में आईएलटी होने का क्या कारण
• मुर्गियों में आईएलटी बीमारी वायरस (हर्पीज वायरस) द्वारा होता है.
इसका फैलाव कैसे होता है
- ये बीमारी संक्रमित, दाना-पानी, उपकरण और रोग ग्रसित मुर्गियों के सम्पर्क से फैलती है.
- हैल्दी मुर्गियों में हवा के माध्यम से भी यह रोग फैलता है.
- ठीक हुई मुर्गी रोग का सोर्स बनी रहती है. इससे अन्य मुर्गियों को खतरा रहता है.
इस बीमारी के लक्षण क्या हैं
- इस बीमारी में नाक के छेद और आंखों से मवादयुक्त स्त्राव निकलता है.
- रोगग्रस्त पक्षी खांसते व छींकते हैं और ज्यादातर रात में उन्हें सांस लेने में कठिनाई होती है.
- इस बीमारी से ग्रसित मुर्गियां तेजी के साथ हांफते लग जाती हैं.
- गर्दन को आगे की और बढ़ाकर सिर को ऊपर उठाकर तथा चोंच खोलकर मुंह से सांस लेती हैं.
- एक विशेष प्रकार की आवाज करते हैं और खांसी के साथ खून म्युकस से बाहर आता है. ज्यादातर मुर्गियां दो सप्ताह में ठीक हो जाती हैं.
वैक्सीनेशन का क्या फायदा है
इस बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीनेशन बेहद ही जरूरी होता है. वैक्सीनेशन करने का फायदा ये है कि इससे मुर्गियों को ये बीमारी नहीं होगी. इसलिए राजस्थान केे पशुपालन विभाग एक्सपर्ट का कहना है कि समय से वैक्सीनेशन करवा लेना चाहिए.