Fish: यहां पढ़ें मछली खाने के क्या-कया हैं फायदे, बच्चों से लेकर बुजुर्गों के लिए भी है जरूरी

rohu fish

रोहू मछली की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मछली के अंदर कई न्यूट्रीशियन वैल्यू होती है. इसको खाने के कई फायदे होते हैं. न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली खाने का कई फायदा है. इसके कुछ फायदों के बारे में बात की जाए तो इसमें मछली में प्रोटीन, विटामिन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, कैल्शियम, और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. वहीं एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली खाने से हृदय रोग का खतरा कम होता है. इसके अलावा मछली में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड दिमाग के लिए के लिए फायदेमंद होता है. मछली का सेवन बच्चे भी कर सकते हैं.

मछली में कई मिनरल्स होते हैं. मछली में ट्रेस तत्व या माइक्रो तत्व में कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम, पोटेशियम, सल्फर, क्लोरीन, मैग्नीशियम और आयरन महत्वपूर्ण मात्रा में पाए जाते हैं. तांबा, आयोडीन, मैंगनीज, कोबाल्ट, जस्ता, फ्लोरीन, सेलेनियम छोटी मात्रा में पाए जाते हैं. जबकि कैडमियम, बोरॉन, आर्सेनिक, एल्यूमिनियम, सीसा, निकल विभिन्न प्रकार की मछलियों में ट्रेस मात्रा में पाए जाते हैं.

कैल्श्यिम की कमी को किया जा सकता है दूर
एक्सपर्ट कहते हैं कि बच्चों में कैल्शियम की कमी से ग्रोथ की दर में कमी, हड्डियों से कैल्शियम का निगेटिव संतुलन होता है. जबकि फास्फोरस हड्डियों और दांतों के निर्माण के लिए बहुत ही जरूरी है. जबकि मछली से कैल्श्यिम की कमी को दूर किया जा सकता है. यह DNA और RNA में लिंक बनाता है और कुछ सह-एंजाइमों का घटक होता है. फास्फोलिपिड सेल झिल्ली में पाए जाते हैं और सॉल्यूट के ट्रांसपोर्ट को नियंत्रित करते हैं. शरीर में अकार्बनिक फास्फेट शरीर के बफर सिस्टम में महत्वपूर्ण घटक के रूप में कार्य करते हैं और तटस्थता बनाए रखते हैं. आमतौर पर खून सीरम में 2 से 3 मिग्रा प्रतिशत होता है.

मैग्रीशियम की जरूरत होती है पूरी
मैग्नीशियम कई एंजाइमों में एक्टिविटी के तौर पर काम करता है. यह सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम के साथ मिलकर तरल संतुलन बनाए रखता है और कुछ एंजाइमों जैसे को-कार्बोक्सिलेज में पाया जाता है. विभिन्न आयु समूहों के लिए मैग्नीशियम की आवश्यकता इस प्रकार है. बच्चों को 100-150 मिग्रा प्रति दिन, किशोरों के लिए 150-250 मिग्रा प्रति दिन और वयस्कों के लिए 250-350 मिग्रा प्रति दिन की जरूरत होती है. जो मछली से पूरी हो सकती है. हमारे शरीर में सोडियम सामान्य ओस्मोटिक दबाव और जल संतुलन बनाए रखता है. शरीर का ‘अम्ल-क्षार संतुलन’ और नसों और मांसपेशियों की सामान्य उत्तेजना, पोटेशियम शरीर के अम्ल-क्षार संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. यह ग्लाइकोजन के संश्लेषण के लिए बहुत जरूरी है और टिश्यू के विकास और निर्माण में भी जरूरी है. यह नसों और सभी मांसपेशियों की उत्तेजना से संबंधित है. आयरन हीमोग्लोबिन का एक महत्वपूर्ण घटक है जो शरीर के तमाम टिश्यू में ऑक्सीजन ले जाता है.

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