नई दिल्ली. फसल और दालों के साथ आज किसान पशुपालन करके अपनी इनकम को बढ़ा रहे हैं. अगर जगह की कमी भी हैं, तो पशुपालन कर सकते हैं. भेड़ पालन में खर्च कम आता है. बकरियों की अपेक्षा भेड़ का आहार और पालन आसान है. भेड़ मीट, ऊन और दूध के लिए जानी जाती है. देश के हर हिस्से में भेड़ पालन किया जाता है. भेड़ पालन करके भी अच्छी खासी कमाई की जा सकती है. भेड़ पालन को वैज्ञानिक तरीकों से किया जाए तो इसमें खूब मुनाफा है. पशुपालकों के लिए जरूरी है कि जानवरों की अच्छी तरह से परख कर ली जाए. अगर परख में चूक होती है तो फिर नुकसान हो सकता है. एक्सपर्ट का कहना है कि परख करने के लिए जरूरी ये है कि जन्म के वक्त से ही पशुओं की परख की जाए. इसके अलावा छह महीने के होने जाने पर भी भेड़ के मेमनों की परख की जाती है. आइए जानते हैं कि किस तरह मेमनों की परख की जाती है.
नर मेमनों की पहचान करना जन्म से ही जरूरी होता है. मेमनों में किसी प्रकार का नस्ल दोष आंखों के गिर्द चक्कर व कानों के नीचे का हिस्सा भूरा हो. इसके अलावा कहीं भी काले या भूरे रंग की ऊन का होना, तोतानुमा जबड़ा या दांतों से संबंधित अन्य कोई बीमारी, कुबड़ापन, लंगड़ापन, अंधापन व बोनापन न हो. अगर मुजफ्फरनगरी नस्ल है तो सभी पहचान चिन्ह होना जरूरी है.
प्रजनन अंगों के लिए जरूरी गुण: नर भेड़ के प्रजनन अंगों व क्षमता की परख की बात की जाए तो सभी गुण होने के बाद भी यदि नर भेड़ के टेस्टिकल्स व सीमेन में कमी है तो नर भेड़ में कुछ भी नहीं है. इसलिए नर भेड़े के टेस्टिकल्स की जांच बेहद ही जरूरी है. टेस्टिकल्स समानान्तर व विकसित हों, सीजनल पीरियड में रतिवाली भेड़ों पर चढ़ने में तीव्रता, मर्दानगी व काबू करने की क्षमता और झटका देकर सीमेन निकलने की क्षमता अच्छी होनी चाहिए. ऐसी नर भेड़ से भेड़ों में गर्भ धारण करने की क्षमता बढ़ती है.
ऐसा होना चाहिए मेमना: छह माह की उम्र पर मेमनों की परख की बात की जाए तो उनके भार के आधार पर ही मेमनों का चयन होना चाहिए. वहीं नर भेड़ों की शारीरिक बनावट की परख करने के लिए उन्हें अलग-अलग कैटेगरी में रख लें. उच्च श्रेणी वालों का चयन कर उनके आकर्षण पर ध्यान देना चाहिए. जिनमें चौड़ा व गहरा सीना और पेट, मसल पुटठें, पीठ व काठी मजबूज टांगें, मुलायम त्वचा, चमकीली बड़ी आंखें व चौड़े नथुने, थूथन, जबड़ा व कपोल, सुडोल, बदन व लम्बा शरीर होना शामिल है.
हर जलवायु में ढल जाती हैं भेड़ः भेड़ हर तरह की जलवायु में पाली जा सकती है. भेड़ घास खाना पसंद करती हैं, लेकिन अगर आप मुनाफे के लिए इनका पालन करेंगे तो चराई के अलावा विशेष आहार का ध्यान रखना होगा.