नई दिल्ली. भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर द्वारा संचालित “फॉर्मर फर्स्ट” परियोजना के तहत भेड़ों में पीपीआर (PPR) रोग से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कैंपेन चलाया गया. जिसके तहत भेड़ों में इस बीमारी से बचाव की वैक्सीन लगाई गई और भेड़ पालकों को जरूरी सावधानी बरतने के लिए टिप्स भी दी गई. खासतौर पर बारिश में भेड़ पालकों को किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए, इसकी जानकारी एक्सपर्ट द्वारा भेड़ पालकों को दी गई. बता दें कि इस अभियान का नेतृत्व परियोजना के प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर डॉ. अश्वनी कुमार पांडेय ने किया. उनकी मदद के लिए सहयोगी डॉ. अखिलेश कुमार और मझगवां ब्लॉक के वेटरिनरी ऑफिसर डॉ. नरेश चंद्र शर्मा भी अभियान में शामिल रहे.
बताया गया कि यह कार्यक्रम जिले के चार प्रमुख गांवों जिसमें रूखड़ा, बसंतपुर, बड़ागांव तथा रामनगर शामिल थे, उसमें कैंपप आयोजित किया गया था. जहां कुल 930 भेड़ों का पीपीआर टीकाकरण किया गया. इनमें रूखड़ा में 300, बसंतपुर में 290, बड़ागांव में 135 और रामनगर में 205 भेड़ें शामिल रहीं. बता दें कि यह पहल संस्थान की ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन स्वास्थ्य संवर्धन और वैज्ञानिक जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
दवाएं भी वितरित की गईं
टीकाकरण के साथ-साथ पशु स्वास्थ्य शिविरों का भी आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. अखिलेश कुमार द्वारा भेड़ों एवं अन्य पशुओं में विभिन्न रोगों की जांच की गई और मौके पर ही उपचार प्रदान किया गया. कुछ भेड़ों में बीमारी थी तो इसके लिए जरूरी दवाओं की भी जरूरत थी. टीम ने पशुपालकों को आवश्यक दवाओं का भी वितरण फ्री में किया. ताकि जल्द से जल्द भेड़ों की मामूली बीमारियां दूर हो जाएं और ये गंभीर रूप न लें. जिससे भेड़ पालकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
यहां पढ़ें बारिश में भेड़ों के लिए टिप्स
इस अवसर पर डॉ. अश्वनी कुमार पांडेय ने उपस्थित पशुपालकों को बरसात के मौसम में भेड़ पालन के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिससे पशुओं को मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रखा जा सके. उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में भेड़ों के लिए सूखा और हवादार आश्रय प्रदान करना चाहिए. फार्म ऐसा बनाना चाहिए जो बारिश और हवा दोनों से भेड़ों को सुरक्षित रख सके. फार्म में प्रर्याप्त जगह होनी चाहिए, ताकि भेड़ों को आराम से रहने में दिक्कत न आए. बारिश के समय में चारे का सही से स्टोरेज करना चाहिए. कार्यक्रम को सफल बनाने में फील्ड असिस्टेंट सूर्य प्रताप सिंह और कमल दत्त शर्मा ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया.