नई दिल्ली. जैसे-जैसे मानसून की दस्तक हो रही है. इसके साथ ही शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में सांपों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं. दरअसल, जैसे-जैसे बारिश का पानी सोपों के प्राकृतिक आवासों को नुकसान पहुेचाने लगता है, सांप विशेष रूप से सूखे इलाकों की तलाश में बाहर आने लगते हैं. जिसके नतीजे में इसांनों के घरों में भी घुसकर अपना बसेरा जमा लेते हैं. जिसके चलते सांप के काटने की घटनाएं बढ़ती हैं और जागरुकता न होने के कारण लोग इसकी वजह से अपनी जान भी गवां देते हैं.
बताते चलें कि पिछले कुछ वर्षों में पैदा हुई स्थिति के आधार पर, वाइल्डलाइफ एसओएस इंसान और सांप के बीच के संघर्ष को कम करने और लोगों और सांपों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता अभियान चला रही है. इस अभियान के तहत जिम्मेदारी के बारे में लोगों को जागरूक करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
ज्यादतर सांपों में नहीं होता है जहर
वाइल्डलाइफ एसओएस ने बारिश के मौसम के दौरान सांप रेस्क्यू में वृद्धि देखी है है. जिसमे कई सांप की प्रजातियों शामिल हैं. जैसे-जैसे बारिश के पानी से जल स्तर बढ़ता है और उनके प्राकृतिक आश्रयों में खलल पड़ता है तो सांप अक्सर सूखे स्थान और गर्मी की तलाश में इंसानों के घरों में जगह बनाने लग जाते हैं. वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “मानसून एक महत्वपूर्ण समय है. जब मानव-सांप के बीच मुठभेड़ें भी देखी जाती है. घबराहट में गैर जरूरी प्रतिक्रिया देखी जाती है. जबकि इसकी बजाय लोग सांप के व्यवहार को समझकर और सरल, निवारक कदम उठाकर खुद को बचा सकते हैं. क्योंकि ज्यादातर सांप में जहर नहीं होता है.

इस नंबर पर कर सकते हैं कॉल
पिछले मानसून के मौसम में, आगरा और आसपास के इलाकों में घरों और व्यावसायिक क्षेत्रों से अक्सर कोबरा, कॉमन क्रेट, अजगर, वुल्फ स्नेक, इंडियन रैट स्नेक और ब्लैक-हेडेड रॉयल स्नेक जैसे साँपों को बचाया गया है, जो अक्सर जलभराव के कारण विस्थापित हो जाते हैं. ऐसी स्थिति को रोकने में मदद करने के लिए, वाइल्डलाइफ एसओएस आसपास के क्षेत्र को साफ रखने, नालियों और दरारों को सील करने, कचरे को दूर रखने और घास वाले या जलभराव वाले क्षेत्रों में नंगे पैर चलने से बचने की सलाह देते हैं. अगर कोई सांप दिखाई दे, तो उसे उकसाएं या छुएं नहीं- सुरक्षित सहायता के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस आपातकालीन बचाव हेल्पलाइन (+91 9917109666) पर कॉल करें.
दोनों नुकसान से बच सकते हैं
वाइल्डलाइफ एसओएस में डायरेक्टर कंजरवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा, “हम लोगों को तथ्यों से जागरूक करना चाहते हैं, न कि डर से. “यह समझना कि अधिकांश सांप आक्रामक नहीं होते हैं, ये समझ इंसानों और सांप दोनों को अनावश्यक नुकसान से बचाने में मदद कर सकता है.”