Biscuit Rate: बाजारों में हो सकती है बिस्किट की कमी, ये है बड़ी वजह

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. भारतीय बाजार में ​बिस्किट की कमी होने के आसार हैं. हो सकता है कि आने वाले समय में बिस्किट बढ़े हुए दाम पर मिलने लगे. हालांकि सरकार ने बाजार में कमी न होने और आपूर्ति को बढ़ाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि बिस्किट कंपनियों को बाजार रेट से कम दाम पर सरकारी कोटे से गेहूं बेचा जाएगा. ताकि कंपनियां न तो बिस्किट का रेट बढ़ा पाएं और न ही इसकी कमी हो सके. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो गेहूं बेचने का फैसला महंगाई को नियंत्रण करने की दिशा में उठाया गया कदम है.

कहा जा रहा है कि बिस्किट जैसी खाने वाली चीजों का रोज इस्तेमाल होता है और उसकी कीमत बढ़ गई तो इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा. यही वजह है कि सरकारी भंडार से गेहूं की बिक्री करने का फैसला लिया गया है. अगले महीने से सरकारी भंडार से आटा मिलो और बिस्किट निर्माता कंपनियों को गेहूं बेचने की तैयारी है. सरकार की और साफ कर दिया गया है कि सरकार चाहती है कि किसी भी कीमत पर बिस्किट के दाम न बढ़ पाएं.

जानें गेहूं की क्या है कीमत
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सरकारी गेहूं खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम को अगले महीने अपने भंडार से 23250 प्रति टन की दर से गेहूं बेचने की अनुमति दी है. इसका मतलब यह है कि गेहूं का दाम 23.25 रुपये प्रति किलो होगा. अगर इस कीमत की बाजार के दामों से तुलना की जाए तो यह 12 फ़ीसदी कम है. एफसीआई हर साल खुले बाजार में गेहूं की बिक्री करता है. हालांकि इस बार अभी तक तय नहीं किया कि और खुले बाजार में कितनी मात्रा में गेहूं बेचेगा. वहीं भारतीय खाद्य निगम ने पिछले साल जून में कंपनियां फॉर्म को गेहूं बेचना शुरू किया था. एफसीआई ने मार्च 2024 तक 100 लाख मीट्रिक टन से थोड़ा अधिक गेहूं खरीदा था जो सरकारी भंडार से रिकॉर्ड बिक्री के रूप में दर्ज किया गया था.

कीमतों में आया है उछाल
एफसीआई की आकर्षक कीमतों की वजह से इस बार भी फर्म और कंपनियां बड़ी मात्रा में गेहूं खरीद सकती हैं. यहां आपको यह भी बताना जरूरी है कि गेहूं की कीमतों में सालाना आधार पर 6 फीसदी का उछाल देखा जा रहा है. इसकी वजह ये है कि साल 2022 में तेज तापमान और सूखे की स्थिति थी. इससे जितनी फसल का उत्पादन होना चाहिए था उसमें असर पड़ा था. जिससे कीमतों में उछाल आया. केंद्र सरकार को गेहूं के निर्यात प्रतिबंध लगाना पड़ा था. सरकारी अनुमान की बात की जाए तो 11.02 करोड़ मीट्रिक टन जो 6.5 की स्थिति काम है. कहा गया कि सरकारी किताबों में गेहूं का स्टॉक 1 जून को 2.9 करोड़ में कितनी टन रह गया है. जबकि पिछले साल या 3.10 मीट्रिक टन था.

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