नई दिल्ली. गर्मी का सीजन है और बेहतहाशा गर्मी पड़ रही है. अधिकतर जगहों पर पारा 40 डिग्री के पार पहुंच गया है. ऐसे में पानी की अहमियत बहुत ज्यादा बढ़ रही है. क्योंकि हर वक्त प्यास लगती है और लोग पानी की तलाश में रहते हैं. जितनी जरूरत आम इंसानों को पानी की होती है, उतनी ही जरूरत जानवरों को भी पानी की होती है लेकिन इसके लिए इंतजाम बहुत कम लोग ही करते हैं. देशभर में खासतौर पर हिंदी भाषीय राज्यों में बेसहारा गोवंशों की संख्या बहुत ज्यादा है. इसलिए उन्हें पानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में उनके लिए पानी की व्यवस्था जरूरी है.
सरकार और कई एनजीओ इस तरह का अभियान चलाती हैं कि लोग पशुओं को पानी उपलब्ध कराएं लेकिन इसका ज्यादा असर नहीं दिखाई देता है. इसलिए पशु पानी की तलाश में इधर—उधर भटकते रहते हैं. उन्हें पानी नहीं मिल पाता है तो उनकी जान भी जाती है. वहीं कुत्तों अगर पानी नहीं मिलता है तो वो प्यास के चलते अक्सर आम इंसानों पर अटैक भी कर देते हैं. इसे भी बड़ी परेशानी माना गया है. हालांकि राजस्थान के जैसलमेर में जहां पानी की किल्लत है, यहां लोगों ने पशुओं के लिए पानी उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है.
गांव वालों ने संभाला मोर्चा
भीषण गर्मी के मौसम में लोग अपनी प्यास बुझाने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं. ऐसे में बेजुबान गोवंश काल का ग्रास न बने इसके लिए क्षेत्र के वन्यजीव प्रेमियों ने भी मोर्चा संभाल रखा है. जैसलमेर लाठी क्षेत्र में बारिश के अभाव में जंगलों में पानी के पोखर और तालाब सूख चुके हैं. ऐसे में गर्मी के मौसम में जंगली क्षेत्र में रहने वाले बेसहारा गोवंश के सामने पानी की भारी समस्या हो गई है. इस संकट काल में स्थानीय वन्यजीव प्रेमियों ने गोवंश को पानी उपलब्ध करवाने का मोर्चा संभाल लिया है.
भीषण गर्मी में मिली राहत
खेतोलाई गांव के पास जंगल में स्थित पशु खेली में कामधेनु सेना के खेतोलाई ग्राम में लोग पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. प्रभारी नींबाराम विश्नोई, रामस्वरूप विश्नोई, सुमित विश्नोई, दिनेश खींच तथा भादरिया गौशाला की ओर से अपने निजी खर्च पर पशुखेली में पानी डलवाकर पशुखेली को लबालब भरवाया गया. जिससे मवेशी को भीषण गर्मी में राहत मिली है. कामधेनु सेना के खेतोलाई ग्राम प्रभारी नींबाराम विश्नोई ने बताया कि गत लंबे समय से जलापूर्ति बंद होने के कारण मवेशी पानी के लिए इधर उधर भटक रहे थे. ग्रामीणों ने अपने स्तर पर पशुखेली में पानी भरा. जिससे मवेशी को राहत मिलेगी.