Dairy Animal: दुधारू पशु के खाने की इन तरीकों से होनी चाहिए जांच, इस बात का भी रखें खास ख्याल

Animal Husbandry: Farmers will be able to buy vaccines made from the semen of M-29 buffalo clone, buffalo will give 29 liters of milk at one go.

प्रतीकात्मक फोटो. Live stockanimal news

नई दिल्ली. जिस तरह से हम सभी अपने खाने को चेक करके खाते हैं. ऐसी चीजें खाते हैं, जिससे शरीर मजबूत हो और जरूरी तत्व मिले. ठीक उसी तरह से जानवरों के भी खाने का ध्यान देना चाहिए. खासतौर पर दुधारू पशुओं की हर जरूरत पूरी होनी चाहिए. तभी उत्पादन बेहतर मिलेगा. राजस्थान के पशुपालन विभाग (Animal Husbandry Department of Rajasthan) के एक्सपर्ट ने लाइव स्टक न्यूज (Livestock Animal News) को बताया कि पशुओं के खाने का भौतिक परीक्षण और रसायनिक​ ​विश्लेषण करना चाहिए. ताकि परोसी जा रही चीजों की सही से जांच की जा सके.

भौतिक परीक्षण विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है. इसके तहत बाहरी तत्वों जैसे कि रेत, कंकड़, विषैले खरपतवार के बीज, मिलावटी पदार्थ और अन्य बाहरी पदार्थों आदि का परीक्षण छलनी से छानकर कर सकते हैं.

कैसा होना चाहिए पशुओं का भोजन
साथ ही पशु आहारों में उपस्थित कीट एवं फफूंद की जांच करना आवश्यक है. इसलिए खाद्य पदार्थ को अच्छी तरह से जांचें-परखें कि उनमें किसी प्रकार के कीट एवं फफूंद न हों अन्यथा यह पशुओं के लिये हानिकारक हो सकता है.

मवेशियों के आहारों व उनके अवयवों का एक विशेष रंग, गंध, स्वाद होता है. इसमें कोई दुर्गंध, खट्टापन, कड़वापन या सड़न नहीं होनी चाहिए.

कटे, बारीक, घुन लगे या गर्मी से प्रभावित नहीं होने चाहिए. ऐसे खराब अनाज के पौष्टिक तत्व कम हो जाते हैं व पशु उत्पादन को प्रभावित करते हैं.

रासायनिक विश्लेषण क्या है
पशुपालकों को अपने पशुओं के लिये आहार बनाने से पहले आहार एवं उसके घटकों की गुणवत्ता का परीक्षण नियमित रूप से प्रयोगशाला में करवाना चाहिये.

पशु आहारों का रासायनिक विश्लेषण बीआईएस के मुताबिक पानी, कच्चे प्रोटीन, रेशे, वसा एवं अम्ल घुलनशील राख की जांच के लिए करवाना चाहिए.

पानी की मात्रा जरूर चेक करें
पशु आहार को दिए जाने वाले आहार और मिक्सचर में पानी की मात्रा का विशेष महत्व है. इससे आहार की गुणवत्ता पर प्रभाव पड़ता है.

बीआईएस के अनुसार पानी 10-11 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होना चाहिये। जल की मात्रा यदि 13 प्रतिशत से ज्यादा है, तो आहार के भंडारण के समय फफूंदी के होने का खतरा रहता है.

इसी प्रकार यदि आहार में जल की मात्रा 15 प्रतिशत है, तो इसका मतलब है कि पशुपालक 4-5 प्रतिशत जल का मूल्य विक्रेता को दे रहे हैं.

निष्कर्ष
आहार की जांच करने से पशुओं को जरूरी पोषक तत्व दिया जा सकता है. अगर कमी है तो इससे पूरी हो जाएगी. इसलिए एक्सपर्ट इसपर ध्यान देने को कहते हैं.

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