नई दिल्ली. एचएस यानी हेमोरेजिक सेप्टीसीमिया और बीक्यू यानी ब्लैक क्वार्टर की वैक्सीन डेयरी मवेशियों को बीमारियों से बचने के लिए लगाई जाती है. आमतौर पर यह वैक्सीन साल में एक बार मौसमी प्रकोप से पहले लगाया जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि बारिश से पहले इन दोनों वैक्सीन को लगाना चाहिए. अगर पशुओं को एचएस और ब्लैक क्वार्टर बीमारियों से बचाना है तो इन वैक्सीन को लगाना बेहद ही जरूरी होता है. जिससे उत्पादन पर भी असर नहीं पड़ता और पशु हेल्दी रहते हैं. जिसका फायदा पशुपालकों को डेयरी फार्मिंग के बिजनेस में मिलता है.
बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से पशुपालकों के लिए अहम जानकारी साझा की गई है. उसमें कहा गया है कि जून माह में पशुपालक द्वारा अगर एचएस और बीक्यू का टीका लगाया जाता है, उससे पहले डीवार्मिंग करना बेहद ही जरूरी है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से कहा गया है कि वैक्सीन लगाने से 10 से 15 दिन पहले पशुओं की डीवार्मिंग जरूर से कर लेनी चाहिए, ताकि वैक्सीन प्रभावी हो सके.
कब और कहां लगाई जा सकती है वैक्सीन
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि यदि पशु को कुपोषण, कृमि संक्रमण की दिक्कत है तब वैक्सीन के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया काम हो सकती है. वहीं वैक्सीन लगाने के बाद पशुओं की देखभाल करना भी बेहद जरूरी होता है. ताकि वह जल्द से जल्द ठीक हो सकें. पशुओं की निगरानी करनी चाहिए. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन दोनों बीमारियों की वैक्सीन बे मौसम बारिश या चक्रवात में भी लगाई जा सकती है. वहीं दोनों बीमारियों की वैक्सीन आमतौर और पशुओं के चमड़े के नीचे लगाई जाती है. प्रति पशु 2 मिलीलीटर 2 से 8 महीने के बच्चों के लिए प्रति पशु एक मिली लीटर का इंजेक्शन लगाना चाहिए.
वैक्सीन लगाने में इन बातों का दें ध्यान
वैक्सीन लगाने से पहले सिरिंज या गन से हवा निकाल दें. लेबल द्वारा बताई गई सही गेज और उचित लंबाई वाली सुई का प्रयोग करें. प्रत्येक बार जब आप सिरिंज या वैक्सीन गन भरते हैं तो सुई बदलें. दबी हुई, मुड़ी हुई या टूटी हुई सुइयों को बदल दें तथा इनका प्रयोग न करें. टीके का जमने पर उपयोग नही किया जाना चाहिए. एक्स्पायर्ड टीके को उचित स्थान पर फेंक दें. फ्रिज में आगे की तरफ रखी वैक्सीन का इस्तेमाल करें. टीकों को ज्यादा स्टोर न करें. वैक्सीन को उचित तरह से लगाने के लिए कर्मचारियों, परिवार के सदस्यों एवं अन्य लोगों को ट्रेनिंग दें.