नई दिल्ली. अजमेर के सम्म्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में इंजीनियरिंग कोर्स के 5 हजार सिंधी शब्दों का निर्माण केवल 5 दिन में किया जा रहा है. इस काम के लिए विशेषज्ञों की 9 सदस्यीय टीम कॉलेज में लगातार कार्यरत है. यह प्रोजेक्ट भारत सरकार के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है. इंजीनियरिंग के लिए तैयार किए जा रहे सिंधी शब्दकोष का उपयोग भविष्य में इंजीनियरिंग की पढ़ाई में किया जाएगा. कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मनोज बहरवाल ने बताया कि भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं में विभिन्न विषयों की शब्द-संपदा और परिभाषा कोश तैयार किए जा रहे हैं.
इसमें देशभर के विश्वविद्यालयों, अनुसंधान केंद्रों और संस्थानों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों का सहयोग लिया जा रहा है. अजमेर में अंग्रेजी से सिंधी में इंजीनियरिंग शब्दावली के अनुवाद का कार्य चल रहा है. इस कार्य में डॉ. चंद्रप्रकाश दादलानी (सिंधी विभाग अध्यक्ष एवं संयोजक), इंद्रदीप सिंह (सहायक वैज्ञानिक अधिकारी), प्रो. हासो दादलानी (पूर्व प्राचार्य, कॉलेज शिक्षा), डॉ. मीना असवानी, डॉ. परमेश्वरी परनानी, डॉ. जितेंद्र थदानी, डॉ. प्रिया आडवाणी, महेश मनवानी, पार्वती भूरानी और प्रकाश तेजवानी बतौर एक्सपर्ट कार्य कर रहे हैं.
इसमें 50 हजार शब्दों का किया जाएगा निर्माण
संयोजक डॉ. चंद्रप्रकाश दादलानी ने बताया कि अजमेर में इंजीनियरिंग के कुल 50 हजार शब्दों का सिंधी में निर्माण किया जाना है.
पूर्व में हुई एक बैठक में 6 हजार शब्दों का निर्माण हो चुका है. अब इस बार 5 दिनों में 5 हजार शब्दों का अनुवाद जाएगा.
यह कार्य 1 अगस्त तक पूरा कर लिया जाएगा. रोजाना 1000 शब्दों को सिंधी भाषा में ट्रांसलेट करने का लक्ष्य रखा गया है.
पहले से तैयार 6 हजार और अब 5 हजार शब्दों को मिलाकर कुल 11 हजार शब्द 1 अगस्त तक तैयार हो जाएंगे.
वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय, उच्चतर शिक्षा विभाग ने विशेषज्ञों को अंग्रेजी और हिंदी की तकनीकी शब्दावली ऑनलाइन उपलब्ध कराई है.
इस डिक्शनरी में तीन कॉलम होते हैं-पहले में अंग्रेजी शब्द, दूसरे में उसका हिंदी अनुवाद, और तीसरे में सिंधी में उस शब्द को लिखा जाता है.
इस तरह एक साथ तीन भाषाओं में शब्दकोष तैयार हो रहा है. कुछ विशेषज्ञों को यह कार्य शीट पर हाथ से भरकर करने को दिया गया है, जिसे बाद में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जाएगा.