Egg: भारत में क्यों इतने सस्ते बिकते हैं अंडे, क्या है इसकी वजह

मुर्गियां रोज अंडे देना शुरू कर देंगी और सालभर में अपनी क्षमता के मुताबिक अंडों का उत्पादन करेंगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. भारत दुनिया में सबसे सस्ता अंडा बेचने वाले देशों में शामिल है. यहां प्रोटीन का खजाना अंडा बेहद ही कम दाम पर मिलता है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो इस साल की शुरुआत में अमेरिका में अंडे 6 डॉलर प्रति दर्जन तक बिके थे. जबकि पहले इनकी कीमत सिर्फ 2 डॉलर हुआ करती थी. इससे अमेरिकियों को अंडा खाने के लिए तीनगुनी कीमत चुकानी पड़ी. जहां अमेरिका जैसे देश में अंडे इतने महंगे थे तो वहीं देश में भारत में दुनिया का सबसे सस्ता अंडा बिक रहा था और अभी भी बिक रहा है.

भारत की राष्ट्रीय अंडा समन्वय समिति (NECC) के 29 जुलाई, 2025 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक अंडे की कीमत सिर्फ़ 4.30 रुपये है, जो अमेरिकी डॉलर में लगभग पांच सेंट के बराबर है. इसका मतलब है कि आप लगभग 66 सेंट में एक दर्जन अंडे खरीद सकते हैं, जो कि कई अमेरिकियों द्वारा किराने की दुकान पर एक अंडे के लिए चुकाई जाने वाली कीमत से कहीं कम है.

कितना हुआ अंडों का उत्पादन
कल्पना करना मुश्किल है, लेकिन ये आंकड़े कोई मजाक नहीं हैं. भारत में अंडे वाकई इतने सस्ते हैं, इसका श्रेय बड़े पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं को जाता है.

विशाल पोल्ट्री उद्योग, किफायती मुर्गी आहार और कम श्रम लागत, इन सब के साथ मिलकर, भारत ने अंडों की कीमतों को न्यूनतम स्तर पर रखने का रास्ता खोज लिया है.

जब आप दुनिया के शीर्ष अंडा उत्पादकों के आंकड़ों पर नजर डालते हैं, तो भारत दूसरे स्थान पर है.

केवल 2023 में, ‘अवर वर्ल्ड इन डेटा’ के अनुसार, देश ने हर कल्पनीय आकार के संचालनों से 7.85 मिलियन अंडे का प्रभावशाली उत्पादन किया था.

बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग से जहां परिवार कुछ मुर्गियों की देखभाल करते हैं, से लेकर विशाल औद्योगिक और आंशिक रूप से स्वचालित फार्मों तक अंडों का उत्पादन होता है.

भारत के पोल्ट्री उद्योग की विशाल विविधता और पैमाना वास्तव में काफी आश्चर्यजनक हो सकता है।

असल में यदि कोई अंडे ज्यादा दाम पर बेचता है तो उपभोक्ता अंडे किसी और से खरीद लेते हैं.

यह एक आदर्श चक्र बनाता है जिससे अंडे सस्ते ही रहते हैं. क्योंकि उत्पादक लगातार ग्राहकों के लिए संघर्ष करते रहते हैं.

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