नई दिल्ली. गर्मी का मौसम है और इन दिनों आग का खतरा बढ़ जाता है. गांव और देहात क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं इस मौसम में अचानक से बढ़ जाती हैं. एक जरा सी चिंगारी घर, खेत और खलियान आदि को बर्बाद कर देती है. आग लगने के कई कारण हो सकते हैं. किसी के द्वारा फेंकी गई माचिस की तीली, सिगरेट या बीड़ी की चिंगारी कहीं पर भी आग लगा सकती है. आग की घटनाओं को रोकने के लिए बिहार सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग में ग्रामीण क्षेत्रों में एडवाइजरी जारी की है. लोगों को इस मौसम में सचेत रहने के लिए कहा गया है. वहीं दमकल विभाग का नंबर भी जारी किया है. आग लगने की पूरी जानकारी तत्काल प्रशासन को देना बेहद जरूरी है.
आपदा प्रबंधन ने ग्रामीणों से अपील की गई है, कि वे तेज हवा के समय भोजन बनाने का कार्य न करें. दमकल को 101 नंबर एवं स्थानीय प्रशासन को तुरंत सूचित करें और आग को बुझाने में सहयोग करें। आग की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है. हमारी, आपकी सजगता से आग लगने की घटनाओं पर कमी आ सकती है. कुछ जरूरी चीजों पर ध्यान देना जरूरी है.
बच्चों के ना दें आग पकड़ने वाली चीजें: आग लगने की घटनाएं गर्मियों में बढ़ जाती हैं एक चिंगारी से भीषण आग लग जाती है, जो तबाही बन जाती है. ग्रामीण क्षेत्रों में आग से बचाव के उपाय पर आपदा प्रबंधन विभाग में लोगों को सलाह दी है कि वह बच्चों से दिया, लालटेन, मोमबत्ती जैसी आग पकड़ने वाली चीज दूर रखें या ऐसी जगह पर ना रखें जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो. घर में किसी भी पर्व त्योहार एवं शादी के लिए लगाए कनात या टेंट के नीचे से बिजली के तारों को ना ले जाएं. बिजली के ढीले तारों से निकली चिंगारी भी आग लगने का कारण बन जाती है. इसलिए जहां कहीं ढीले लाल दिखें उसकी सूचना बिना देर किए ऊर्जा विभाग या संबंधित बिजली कंपनी के अभियंताओं को दें.
वायरिंग की समय पर कराएं मरम्मत: शॉर्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग का समय पर मरम्मत करा लें. ग्रामीण क्षेत्रों में हरा गेहूं, खेसारी, छिमी भी बच्चे भुनाते हैं, ऐसे में आग लगने से बचने के लिए उन पर निगरानी रखें. अगर कपड़ों में आग लगी हो तो इधर-उधर ना भागें, बल्कि जमीन पर लेटते हुए आग बुझाने का प्रयास करें.