Fish: मछलियों की अच्छी ग्रोथ के लिए ये चार काम जरूर करें मछली पालक

जीरा डालने से पहले और चूना डालने के बाद खाद का प्रयोग करें.

प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. मछली पालकों के लिए सितंबर का महीना अहम होता है. इस दौरान कई बातों का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी होता है, नहीं तो इससे मछलियों की ग्रोथ पर असर पड़ेगा. अगर मछलियों की ग्रोथ पर असर पड़ा तो फिर उत्पादन बेहतर नहीं मिलेगा और मछली पालकों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा. इसलिए जरूरी है कि मछली पालक जान लें कि सितंबर के महीने में किन बातों का ख्याल रखना बेहद ही जरूरी है. इस संबंध में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग (Department of Animal and Fisheries Resources) बिहार सरकार की ओर से लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज़ को अहम जानकारी दी गई है.

यदि आप जानना चाहते हैं कि सितंबर के महीने में किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, तो उसमें चार अहम बातों को हम यहां बताने जा रहे हैं.

कब क्या देना है
पंगेशियस मछली के पालन करने वाले किसानों को पूरक आहार प्रबंधन के क्रम में मछली के कुल औसत वजन के हिसाब से छह माह की पालन अवधि में 6 फीसद, 5, 4, 3, 2 और 1.5 परसेंट देना चाहिए. प्रथम माह से छठा माह तक पूरक आहार देना चाहिए.

पालन अवधि में मछली के औसत वजन के हिसाब से प्रथम दो माह 32 फीसद प्रोटीन युक्त आहार अगले दो माह 28 फीसद प्रोटीन युक्त आहार, पांचवे माह में 25 फीसद प्रोटीन युक्त आहार और छठे माह में 20 परसेंट प्रोटीन युक्त आहार प्राथमिकता के
आधार पर प्रयोग करें.

वातावरण का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से कम और 36 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होने पर पूरक आहार का प्रयोग आधा कर देना चाहिए.

मछली की जल्द ग्रोथ के लिए मछली पालकों को फीड सप्लीमेंट के तौर पर प्रति किलोग्राम पूरा का आहार में 10 ग्राम सूक्ष्म खनिज तत्व भी मिलाना चाहिए. 2 से 5 ग्राम गट प्रोबायोटिक को भी वनस्पति तेल या बाजार में उपलब्ध कोई भी बाइंडर में 30 एमएल फीड में मिलाकर हर दिन खिलाना चाहिए.

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