Animal Disease: इस बीमारी में पशु नहीं ले पाते हैं सांस, यहां पढ़ें लक्षण और उपचार की पूरी जानकारी

abortion in cows

गाय की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. बीमारी चाहे कोई भी हो इसका सबसे ज्यादा असर पशुओं के उत्पादन पर पड़ता है. इसके चलते पशुपालकों को नुकसान हो जाता है. क्योंकि जब पशु बीमार होता है तो वो सुस्त रहने लग जाता है. खाना नहीं खाता है. इसके चलते उसकी सेहत खराब हो जाती है. कोई भी पशुपालक नहीं चाहता है कि उसका पशु बीमार पड़े लेकिन इसके लिए जरूरी है कि समय-सयम पर पशुओं की हेल्थ की जांच की जाए. कोई भी सिम्पटम्स दिखे तो तुरंत ​पशु चिकित्सक की सलाह ली जा जानी चाहिए. अगर पशुपालकों को किसी भी बीमारी के बारे में जानकारी रहती है तो फिर पशुओं को बीमार होने से बचाया जा सकता है.

बात की जाए लंपी डिसीज की तो इस बीमारी के आक्रमण में सबसे पहले मवेशी के शरीर में गांठ बनती है. फिर जख्म बड़े होते जाते हैं. जिसके बाद उस जख्म का इलाज न किया जाए तो उसमें कीड़े लग जाते हैं, जो गाय बैल को कमजोर कर देते हैं. इसलिए जरूरी है कि बीमार होते ही पशुओं का उपचार किया जाए. ताकि बीमारी न फैले. वहीं साफ सफाई के साथ ही बीमार मवेशी को दूसरे जानवरों से अलग रखना चाहिए. क्योंकि यह एक जानवर से दूसरे जानवर में फैलने वाला रोग हैं.

क्या हैं इस बीमारी के लक्षण
रोग के शुरुवात में उच्च बुखार और लिम्फ ग्रंथियों की सूजन जो त्वचा में 0.5 से 5.0 सेमी व्यास तक हो सकते हैं. ये गांठे (नोड्यूल) पूरे शरीर में पाए जा सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से सिर, गर्दन, थनों, अंडकोश और गुदा और अंडकोष या योनिमुख के बीच के भाग (पेरिनेम) पर होते हैं। कभी-कभी पूरा शरीर गांठो से ढँक जाता हैं. सांस लेने वाली रास्ते में फैलने से सांस लेने में कठिनाई होती है और 10 दिनों के भीतर मृत्यु हो सकती है. गाभिन पशुओ में गर्भपात भी हो सकता हैं.

उपचार क्या है
लम्पी त्वचा रोग के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है. संक्रमित जानवर आमतौर पर ठीक हो जाते हैं. केवल इस रोग के लक्षण के आधार पर ही पशुओं को इलाज किया जा रहा है. त्वचा में द्वितीयक जीवाणु संक्रमण को रोकने के लिए, इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं और एंटी- इंफ्लेमेटरी दवाओं (एनएसएआईडी) के साथ किया जा सकता है. पशु की त्वचा के घावों को रोकने के लिए में एंटीसेप्टिक मलहम का उपयोग करना चाहिए.

निवारण के बारे में जानें यहां
ऐसी भयानक बीमारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण ही सबसे प्रभावी उपाय है लेकिन वर्तमान में लम्पी त्वचा रोग का टीका उपलब्ध नही होने के कारण इस रोग में गॉट पॉक्स (बकरी चेचक) का टीका भी उपयोगी सिद्ध हो रहा हैं.

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