Animal Husbandry: UP में स्विट्जरलैंड की तर्ज पर बनेगी आधुनिक गौशाला, यहां पढ़ें क्या-क्या सुविधा होगी

ब्रुसेलोसिस ब्रुसेला बैक्टीरिया के कारण होता है जो मुख्य रूप से पशुधन (जैसे गाय, भेड़, बकरी) में पाए जाते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश में आवारा पशुओं का मामला बहुत ही गंभीर है. आवारा पशुओं के इधर-उधर घूमने से जहां आए दिन एक्सीडेंट होते रहते हैं, तो वहीं किसानों की उपज के लिए भी यह बड़ा खतरा हैं. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आवारा पशुओं की दिशा में काम तो कर रही है लेकिन उसे वह रिजल्ट नहीं मिल रहा है, जिसकी उसे उम्मीद है. हालांकि अब इस दिशा में एक और अहम कदम उठाने की तैयारी हो रही है, जिसके तहत आधुनिक गौशाला बनाने की तैयारी हो रही है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस गौशाला को स्विट्जरलैंड की तर्ज पर बनाया जाएगा. लखनऊ के नगर आयुक्त डॉ. इंद्रजीत सिंह ने अयोध्या रोड के उत्तरधौना गांव में नई गौशाला बनाने का प्लान बनाया है. इसके लिए जमीन भी चिन्हित कर ली गई है. शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. स्वीकृति मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की बात कही जा रही है.

32.63 करोड़ में बनेगी गौशाला
लखनऊ के नगर निगम आयुक्त डॉ. इंद्रजीत सिंह का कहना है कि प्रदेश सरकार की गो पर्यटन नीति के तहत 10 हेक्टेयर जमीन पर इसका निर्माण करने का विचार है. गौशाला का नाम मनोरथ गौशाला होगा और इसकी लागत 32.63 करोड़ रुपये आएगी. इस आधुनिक गौशाला के निर्माण का खर्च भी राज्य सरकार देगी. इससे पहले नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में इस प्रस्ताव पर मोहन लग चुकी है.

2000 गायों का बनेगा आसरा
उन्होंने बताया कि इस आधुनिक गौशाला में करीब 2000 गायें रखी जाएंगी. इतना ही नहीं यहां किसी भी गायों को बांध नहीं जाएगा. वे अपने प्राकृतिक आवास में रहेंगी ज्यादा से ज्यादा खुला क्षेत्र होगा. ताकि वहां खुलकर चर सकें. इस गौशाला में सिर्फ दुधारू गायों को ही रखा जाएगा. गौशाला में भारतीय संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी. जिस जमीन को चिन्हित किया गया है, वहां पर जो भी पेड़ पौधे हैं उन्हें काटा नहीं जाएगा. बीच में बोरिंग कर पाने की व्यवस्था भी की जाएगी.

आमदनी का भी इंतजाम होगा
गौशाला की गायों की देखभाल भी राज्य सरकार की होगी. पूरी व्यवस्था नगर निगम के द्वारा होगी. पशु चिकित्सा व कर्मचारी तैनात की जाएंगे, जो निगरानी करते रहेंगे. इसके अलावा गौशाला की खासियत पर गाय संग्रहालय, गोदान स्थल और अन्नपूर्ण भोजनालय भी ​बनाया जाएगा. गौशाला को पर्यटन केंद्र पर विकसित करने के लिए कई तरह की सुविधा होगी. जिससे पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा. मिल्क प्रोडक्शन के साथ अतिरिक्त आमदनी का इंतजाम भी होगा.

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