Poultry Farming: पोल्ट्री फार्मिंग में क्या है नर्सरी पालन, कैसे करें इसकी तैयारी, जानें सबकुछ यहां

पोल्ट्री के बिजनेस में बीमारियां रोक लीं तो ये मुनाफे का सौदा होता है.

चूजों का प्रतीकात्मक फोटो: Livestockanimalnews

नई दिल्ली. मुर्गीपालन एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें ज्यादा पूंजी लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है. कम पूंजी में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है. अगर आप मुर्गी पालन आप शुरू करने वाले हैं तो इसके लिए ज्यादा जगह भी जरूरत नहीं होती है. एक्सपर्ट की मानें तो यदि आप 1500 मुर्गी से अपने घर या फिर किसी अन्य स्थान पर पालन का कार्य शुरू करते हैं तो फिर इससे आपको 50 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक फायदा हो सकता है. इसलिए मुर्गी पालन को एक बेहद ही फायदे का सौदा कहा जाता है.

आपको बताते चलें कि मुर्गी से अंडे और मांस दोनों हासिल होते हैं और दोनों में ही हाई क्वालिटी का प्रोटीन ​मिलता है. सरकार मुर्गी पालन को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण इलाकों के किसानों को जागरुक भी करती है, ताकि वो इस क्षेत्र में हाथ अजमाएं. मुर्गी पालन में नर्सरी पालन के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए. इसमें आमतौर पर, मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों में कुक्कुट पालन को शुरुआती 6 सप्ताह तक ब्रीडिंग की आवश्यकता होती है. इस अवधि के दौरान पक्षियों के संतुलित खाद्य, आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल (दवाएं, टीके, आदि), गर्मी और आवास का ध्यान रखा जाता है. वहीं चूजों को शिकारियों जैसे जंगली बिल्ली, कुत्ते, बाज, कौओं से बचाना पड़ता है.

छह सप्ताह में कितना होना चाहिए वजन
एक्सपर्ट का मानना है कि अगर 6 सप्ताह की आयु में, कुक्कुट नस्ल और प्रबंधन के आधार पर इन कुक्कुटों का वज़न 550 से 800 ग्राम तक हो जाना चाहिए. इसके लिए नर्सरी में, कुक्कुट को टीकाकरण के माध्यम से आवश्यक प्रतिरक्षा व शिकारियों से बचने के लिए वांछित भार भी जरूरत होती है. इसके अलावा आप्टिमल इम्यूनिटी और शरीर भार के साथ चूजे मुक्त क्षेत्र परिस्थितियों में सफाई के माध्यम से पालने के लिए तैयार हैं. दोहरे उद्देश्य और मांस नस्ल के कुक्कुट को जब तक वे वांछित भार प्राप्त नहीं कर लेते, उन्हें अधिक समय तक नर्सरी में रखा जा सकता है.

नर्सरी इकाई की तैयारी
नर्सरी अवधि यानी 6 सप्ताह की आयु में अच्छी गुणवत्ता वाले चूजे प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए. साफ कुक्कुट गृह को 7 से 10 दिनों के लिए बंद रखें. लगभग 2-3 इंच की मोटाई में घर में समान रूप से कीटाणुरहित रखें. मुर्गियों के फर्श (धान की भूसी, पुआल, मकई के कोष, लकड़ी का बुरादा, लकड़ी की छीलन, मूंगफली का भूसा, कागज़ की लुग्दी आदि) फैलाएं. ब्रूडर के चारों ओर खाद्य सम्भरकों और जल प्रदायकों को व्यवस्थित करें. कुक्कुट गृह में ब्रूडिंग तापमान प्राप्त करने के लिए चूजों के आने से कम से कम कुछ घंटो पूर्व ब्रूडर को स्विच ऑन करें. छोटे और कमजोर चूर्जी हेतु पर्याप्त खाद्य प्रदायक और जलपात्र के साथ पृथक बूडिंग होनी चाहिए.

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