Dairy Animal: यहां 3 दिन सिखाया जाएगा पशुपालन का सही तरीका, छोटी-बड़ी चीजों की ट्रेनिंग देंगे एक्सपर्ट

कम फाइबर के साथ अधिक कंसंट्रेट या अनाज (मक्का) के सेवन से अधिक लैक्टेट और कम वसा दूध होगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. राजस्थान सरकार के गोपालन निदेशालय की ओर से पशुपालन को और ज्यादा फायदेमंद बनाने और डेयरी किसानों होने वाले ​नुकसान आदि को कम करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. जहां डेयरी किसानों को पशुपालन के तरीके, इसको कैसे फायदेमंद बनाया जाए, पशुओं की नस्ल, प्रजनन आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी. पशुपालकों को आडियल डेयरी फार्म पर घुमाया जाएगा. ताकि उन्हें कैसे फायदेमंद पशुपालन करना है इसकी जानकारी हो सके. बता दें कि इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा वेटरनरी में वीएलडीडी प्रोग्राम में एंट्री के लिए काउंसलिंग शेड्यूल जारी किया गया है.

एकेडमिक सेशन के लिए मैसर्स एलयूवीएएस, हिसार और अल्फीकृत निजी कॉलेजों व संस्थानों के साथ राष्ट्रीय शैक्षिक सत्र के लिए राष्ट्रीय विज्ञान मिशन के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एलयूवीएएस) के अंतर्गत तीन दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम 2024-25 के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. जिसमें राजस्थान गौवंश परिचय और आवासीय व्यवस्था के तहत थारपारकर, गिर, राठी, कांकरेज, नागौरी, हरियाणवी और मालवी राज्य की देशी गौवंश नस्ल की विशेषताएं, दूध उत्पादन क्षमता आदि के बारे में गृह क्षेत्र और वितरण क्षेत्र में जिला स्तर पर ट्रेनिंग दी जाएगी.

गौवंश आवासीय व्यवस्था और मैनेजमेंट

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