Goat Farming: बकरी के बच्चों को क्या खिलाएं कि ग्रोथ हो अच्छी, किस उम्र में क्या फीड देना है, पढ़ें यहां

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. देश में बकरियों की 37 नस्ले हैं. यहां बड़े पैमाने पर बकरी पालन किया जाता है. सबसे खास बात ये है कि देश में बकरी पालन लघु और सीमांत किसानों के लिए एक आर्थिक कमाई का बेहरीन सोर्स है. इससे किसान अपनी आजीविका को बढ़ा रहे हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि बकरी पालन तभी फायदा पहुंचाता है जब बकरियों को उसे समय से पौष्टिक आहार दिया जाए. अगर बकरियों को ठीक से आहार न दिया जाए तो बकरी की सेहत ही नहीं बनती है और उत्पादन भी बेहतर नहीं मिलता है.

इस​लिए बकरी पालन में बकरी के बच्चों की खुराक पर खास ध्यान दिया जाना चाहिए. हर बकरी पालक को ये पता होना चाहिए कि बच्चे को किस उम्र में कितनी मात्रा में और क्या फीड देना चाहिए. कई बार क्षेत्र की जलवायु और वातावरण के हिसाब से भी चारा दिया जाता है.

जन्म से 3 महीने तक क्या देना चाहिए
गोट एक्सपर्ट के मुताबिक शुरुआत में बकरी के बच्चे को मां के दूध के अलावा कुछ भी नहीं देना चाहिए. मां का दूध ही उसका पहला आहार होना चाहिए. इसमें सभी आवश्यक पोषण तत्व होते हैं. इसलिए हमेशा ही मां का दूध ही बकरी के बच्चे को देना चाहिए. 2 से 3 महीने की उम्र के बाद आप बकरी के बच्चे को धीरे-धीरे सामान्य आहार देना शुरू कर दें. इसमें घास, अनाज, बकरी का चारा शामिल हो सकता है. इसे कम मात्रा में दिया जाना चाहिए और धीरे-धीरे बढ़ा सकते हैं.

इस उम्र से ये फीड देना शुरू करें
यदि 3 महीने के बाद बकरी के बच्चों को सब तरह का आहार दे सकते हैं. जैसे खाने के लिए गेहूं, मक्का, सोयाबीन, भोजन और विशेष रूप से चारा, इससे उनके विकास और वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसका फायदा आपको मिलेगा. बकरी के बच्चे को हमेशा नया आहार खिलाना बेहतर होता है. चारे में बकरी के बच्चों को अलफला घास, चारागाह घास, सूखी घास आदि खिलाना चाहिए और दाने में बकरी के बच्चे को अनाज, मक्का, गेहूं और मूंगफली आदि देना चाहिए.

बकरी का बच्चा कमजोर है तो क्या खिलाएं
कमजोर बकरी के बच्चे को संतुलित दाना, चारा एवं अन्य पोषक तत्वों के साथ-साथ नियमित रूप से उचित मात्रा में खनिज लवण देना चाहिए. कमजोर बकरी के बच्चों को कैल्शियम प्रोटीन की दवा भी दी जाए. जिससे बच्चा तंदुरुस्त रहे. केंद्रीय बकरी अनुसंधान केंद्र यानी CIRG के बकरी पोषण विभाग की मानें तो तीन से पांच माह तक के बच्चों को हरे चारे में दाने के साथ-साथ हरी पत्तियां भी खिलाएं. इतना ही नहीं जो बच्चे स्लॉटर एज यानी 11 से 12 माह के बीच होते हैं उनके चारे में 40 फीसदी दाना और 60 फीसदी सूखा चारा होना चाहिए. वहीं दूध देने वाली बकरी को दिन में दिन में चारे के साथ करीब 400 ग्रामी अनाज भी देना चाहिए. ब्रीडिंग करने वाले वयस्क बकरों को प्रतिदिन सूखे चारे के साथ हरा चारा और 500 ग्राम अनाज देना चाहिए.

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