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Vaccination: इस राज्य में 11.65 करोड़ पशुओं को लगाई गई एफएमडी की वैक्सीन, अहम बातें पढ़ें यहां

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प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली. पशुओं को वैक्सीन लगवाना बेहद ही जरूरी होता है. अगर पशुओं को वैक्सीन न लगाई जाए तो फिर परेशानी हो सकती है. पशुओं को खुरपका और मुंहपका की बीमारी भी बेहुत परेशान करती है. जिसको लेकर तमाम सरकारें वैक्सीनेशन फ्री करती हैं. ताकि पशुधन के उत्पादन पर कोई असर न पड़े. इस काम में मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे रहा है. इस राज्य में 11.65 करोड़ से ज्यादा पशुओं को वैक्सीनेट किया गया है. सरकार की तरफ से तकरीबन 73 लाख किसानों को इसका फायदा दिया गया है.

मध्य प्रदेश सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की ओर कहा गया है कि गाय—भैंस के अलावा भेड़ और बकरियों को भी खुरपका मुंहपका रोग से बचाने के लिए एफएमडी का टीका लगवाया जाता है. इस टीके की अवधि 6 महीने की होती है. वहीं अगर आपके भेड़ बकरियों को गलाघोटू रोग है तो उन्हें एचएस का टीका जरूर लगवाएं. इसकी अवधि 1 साल की होती है. इसके अलावा बकरी को प्लेग की दिक्कत हो तो उन्हें पीपीआर टीका जरूर लगवा देना चाहिए.

वैक्सीनेशन के बारे अहम जानकारी यहां पढ़ें
पशु चिकित्सकों का कहना है कि 4 माह या उससे अधिक आयु के सभी पशुओं को 6 माह में एक बार टीकाकरण कराएं.

संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से तुरंत अलग रखना चाहिए क्योंकि संक्रमित पशुओं के शरीर से निकलने वाले स्राव, गोबर, पेशाब में वायरस होते हैं.

संक्रमित पशुओं के संपर्क में आए सभी आहार व हरे-सूखे चारे को नष्ट कर देना चाहिए.

संक्रमित पशुओं के लिए प्रयोग किए हुए सभी उपकरणों को साफ करके 4 फीसदी सोडियम कार्बनिट के घोल या पशु चिकित्सक द्वारा बताए गए घोल में कीटाणुरहित करना चाहिए.

जो व्यक्ति संक्रमित पशुओं की देखभाल करता हो उसे स्वस्थ पशुओं से दूर रहना चाहिए.

संक्रमित जगह को 4 फीसदी सोडियम कार्बोनेट के घोल या पशु चिकित्सक के द्वारा बताए गए घोल से कीटाणुरहित करना चाहिए.

निष्कर्ष
सरकार की ओर से बताया गया है कि संबंधित अधिकारियों को शीघ्र सूचना देने से उन्हें रोग नियंत्रण के लिए शीघ्र आवश्यक कार्रवाई करने में मदद मिलती है. जिससे रोग के फैलाव को कम या सीमित करने में मदद मिलती है.

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