नई दिल्ली. पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग उत्तराखंड (Animal Husbandry, Dairying & Fisheries, Uttarakhand) की ओर से लगातार पशुओं के कल्याण के लिए काम किया जा रहा है. पशुओं को वैक्सीन लगाई जा रही है और दवाओं के साथ जरूरी सलाह भी दी जा रही है. विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि पशुपालन में पशुओं को होने वाली तमाम बीमारियों की रोकथाम के लिए लगातार राज्य में अभियान चलाया जा रहा है. ताकि पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सके और उनकी उत्पादन क्षमता कम न हो.
इसी कड़ी में राज्य के अलग-अलग राज्य में अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें पशुओं के लिए दवाएं दी जा रही हैं और वैक्सीनेशन किया जा रहा है.
कहां-कहां इुआ पशुओं का इलाज
पशु चिकित्सालय आराकोट, पशुपालन विभाग उत्तरकाशी द्वारा ग्राम मैनजानी में पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. जिसमें 150 भेड़- बकरी का उपचार किया गया.
भेड़-बकरियों में FOOT ROT की समस्या के चलते डॉ. नीलम रावत द्वारा भेड़-बकरी पालकों को समस्या के समाधान के लिए सुझाव दिए गए. उपचार किया गया और दवाएं भी वितरित की गईं.
साथ ही ग्राम गमरी में 10 पशुओं का उपचार किया गया और स्वान पशुओं में विश्व रेबीज सप्ताह के उपलक्ष पर ANTIRABIES टीकाकरण किया गया.
सेवा पखवाड़ा के तहत विकासखंड डीडीहाट के राजकीय इंटर कॉलेज प्रांगण में आयोजित शिविर में विभागीय स्टॉल के माध्यम से विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार किया गया.
इसके अलावा 27 बड़े तथा 52 छोटे (कुल 79) पशुओं की चिकित्सा तथा 150 बकरियों में सामूहिक दवापान के लिए दवाओं वितरण किया गया.
पशु चिकित्सालय गुप्तकाशी क्षेत्र में पशु चिकित्सा शिविर व गोष्ठी एवं स्वछता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया.
जिसमें 25 पशुपालकों के 50 पशुओं कृमिनाशक एवं मिनरल मिक्सचर आदि दवाइयां भी वितरित की गईं.
इस दौरान पशु चिकित्साधिकारी डाॅ. बब्लू कुमार द्वारा स्वस्थ जीवन में स्वच्छता के महत्व, रेबीज रोकथाम में टीकाकरण की महत्ता, पशुपालन विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया गया.
वहीं पशुओं से संबंधित बीमारियों एवं राष्ट्र व्यापी FMD टीकाकरण से संबंधित जानकारियां दी गईं. ताकि पशुपालक पशुओं को बचा सकें.
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, नैनीताल के निर्देश पर विकासखंड हल्द्वानी के ग्राम सीतापुर में सचल पशु चिकित्सालय, भीमताल द्वारा एक पशु चिकित्सा एवं बांझपन शिविर का आयोजन किया गया.
यहां 23 बड़े पशु, 40 छोटे पशु तथा 3 स्वान पशुओं का उपचार एवं एंटी-रेबीज वैक्सीन का टीकाकरण किया गया.
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