नई दिल्ली. कृषि यंत्रीकरण प्रदेश में कृषि उत्पादन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण किसान केंद्रित कार्यक्रम है. इससे किसानों को अपने फसलों की उत्पादकता बढ़ाने, समय की बचत और लागत कम करने में मदद मिलती है. कृषि यंत्रीकरण किसानों के लिए योगी सरकार द्वारा संचालित लाभकारी और किसान केंद्रिय योजना है. कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि अनुदान के लिए कई सावधानियों को ध्यान में रखते हुए अनुमन्य लाभ अवश्य प्राप्त कर फसलों में कम लागत पर समय को बचाकर अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
सरकार ने कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने के लिए सब मिशन आन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना, प्रमोशन आफ एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन फार इन सीटू मैनेजमेन्ट आफ क्राप रेज्ड्यू आदि योजनायें शुरू की हैं. इनमें किसानों को आधुनिक उन्नत कृषि यंत्रों पर सत्यापन के उपरान्त डीबीटी के माध्यम से कृषि विभाग द्वारा अनुदान प्रदान किया जाता है.
इस तरह मिलेगा फायदा
सभी योजनाओं का फायदा सिर्फ ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही प्राप्त होगा, इसलिए किसानों को कृषि यंत्रों की बुकिंग, अन्य निर्धारित प्रकिया व उससे सम्बंधित सावधानियों को लेकर कृषि विभाग जागरुक कर रहा है.
कृषि विभाग की अपील- upyantratracking.in पोर्टल पर रजिस्टर्ड फर्म से ही खरीदें. इस समय सब मिशन आन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के अन्तर्गत किसानों द्वारा कृषि यंत्रों की बुकिंग की गई है, जिसे ई लाटरी के माध्यम से टोकन कन्फर्मेशन की कार्यवाही की जा रही है.
कृषि विभाग ने किसानों से अपील की है कि यंत्रों की खरीद उन्हीं फर्म से करें, जो फर्म upyantratracking.in पोर्टल पर पंजीकृत हो.
इसके अतिरिक्त अन्य किसीे भी निर्माता कम्पनियों, डिस्ट्रब्यूूटर्स एवं डीलर से खरीदी गई मशीनरी पर अनुदान नहीं दिया जाएगा.
मशीन खरीदते समय किसान फर्म/डीलर का विवरण (पंजीकरण संख्या, आधार संख्या, टोकन संख्या, नाम, एवं गांव इत्यादि) upyantratracking.in पोर्टल पर अवश्य फीड करें.
कृषि यंत्रों की खरीद के समय सम्बन्धित फर्म से Eway Bill अवश्य लें. मशीनों पर Laser Cutting सीरियल नम्बर अनिवार्य रूप से अंकित होना चाहिए.
कृषि मशीनों की खरीद के लिए फर्म को लागत का कम से कम 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान लाभार्थी के स्वयं के खाते से ही किया जाना जरूरी है.
निरक्षर लाभार्थियों के लिए भी कारगर हो रही योजना
कृषि विभाग के मुताबिक ऐसे लाभार्थी, जो साक्षर नहीं हैं, जिन्हें चेक बुक जारी नहीं हो सकती है.
वे ब्लड रिलेशन (माता, पिता, भाई, अविवाहित बहन/पुत्री, पुत्र एवं पुत्रवधू) के खाते से कृषि यंत्र के खरीद के लिए फर्म को लागत का कम से कम 50 प्रतिशत धनराशि का भुगतान किया जा सकता है.
इसके अतिरिक्त 10000 रुपये से अधिक अनुदान वाले कृषि यंत्र पर लाभार्थियों द्वारा 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर नोटरी से सत्यापित कराकर शपथ पत्र देना अनिवार्य है.
समस्त कृषि यंत्र का सत्यापन सम्बन्धित जनपद के उप कृषि निदेशक द्वारा नामित अधिकारी/कर्मचारी द्वारा किया जाएगा.
जिसमें दर्शन पोर्टल पर उपलब्ध कृषक विवरण की सत्यता के साथ-साथ स्थल पर भौतिक उपलब्धता का भी परीक्षण किया जाएगा.
इसका रखें खास ख्याल
मानव चालित/पशुचालित जिन कृषि यंत्रों पर अनुदान प्राप्त होगा, अगले तीन वर्ष तक उस पर पुनः अनुदान अनुमन्य नही होगा. इसी प्रकार शक्ति चालित कृषि यन्त्रों पर 05 वर्ष की अवधि के पश्चात ही सम्बन्धित कृषक पुनः उसी प्रकार के कृषि यन्त्र हेतु अनुदान प्राप्त किये जाने हेतु अर्ह होगा.
स्थापित किये गये फार्म मशीनरी बैंक, हाई टेक हब फॉर कस्टम हायरिंग एवं कस्टम हायरिंग सेन्टर के साथ अथवा अलग से क्रय किये गये ट्रैक्टर/कम्बाइन हार्वेस्टर को लाभार्थी द्वारा 10 वर्ष के उपरान्त ही पुनः अनुदान पर क्रय किया जा सकेगा.
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