नई दिल्ली. अलग—अलग राज्य की सरकारें दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई काम कर रही हैं. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश की सरकार और नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) साथ में मिलकर राज्य में दूध उत्पादन को बढ़ावा देने का काम कर रही हैं. इसका फायदा भी मिल रहा है. राज्य में दूध उत्पादन बढ़ रहा है. जबकि इसका सीधा फायदा राज्य के किसानों को हो रहा है. वहीं सरकार की तरफ से ऐसे कई कदम उठाए गए हैं, जिससे राज्य में डेयरी सेक्टर मजबूत हुआ है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भोपाल दुग्ध संघ से लगातार किसान जुड़ रहे हैं. जबकि समितियां भी गठित की जा रही हैं.
क्या काम हुए पढ़ें यहां
पिछले तीन महीने में भोपाल दुग्ध संघ में 628 नई सहकारी समितियां गठित की गई हैं. 16,000 नए दून्ध उत्पादक किसान दूध सपनाई से जुड़ गए हैं.
इसमे रोजाना दूध की आवक 50 हजार लीटर बढ़ गई है और अब कुल 7.50 लाख लीटर दूध प्रतिदिन संघ में आ रहा है.
एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन के एमडी डॉ. संजय गोवानी ने बताया कि नेशनल डेवरी डेवलपमेंट बोर्ड ने 13 अप्रैल करे दुग्ध संप की जिम्मेदारी ली थी.
इसके बाद दूध संग्रहण और बिक्री दोनों में बड़ा सुधार हुआ है। इम सफलता के पीठ सबसे बड़ा कारण ईआर सिस्टम है.
जिससे किसानों को समय पर भुगतान हो रहा है. भोपाल में यह सिस्टम, जुलाई से लागू हो चुका है.
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी ने भोपाल दुग्ध संप में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया को शुरुआत करते हुए ईआरपी सिस्टम (पटरान रिसोर्भ प्लानिंग) लागू कर दिया है.
इस सिस्टम के तहत अब दुग्ध उत्पादक किसानों को दूध आपूर्ति के बदले तय समय पर ऑनलाइन भुगतान किया जाएगा.
प्रीतेश जोशी ने बतया कि ईआरपी में दुग्ध संघ के संचालन में फरदर्शिता बढ़ेगी और रियल टाइम डेटा विश्लेषण के जरिए बेहतर निर्णय लिए जा सकेंगे.
दूध खरीदी, उत्पादन, वितरण और लेखा जैसे विभिन विधायें का एकीकृत प्रबंधन डिजिटल पलेटफवेने पर संभव होय। इससे समय की बचत के साथ कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी.
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