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Dairy News: डेयरी बिजनेस में ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए इस तरह करें सांड की देखभाल, पढ़ें डिटेल

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. डेयरी फार्म की सफलता काफी हद तक सांड प्रबंधन पर निर्भर करती है. एनिमल एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली का कहना है कि बहुत मोटे और भारी सांड का वीर्य सीमेन उत्पादन क्षमता बेहद कम हो जाती है. इसलिए सांड को ज्यादा मोटा नहीं होने देना चाहिए. साथ ही ऐसे सांडों को गायों के साथ प्रजनन करने में भी दिक्कत आती है. इसलिए सांडों को नियमित रूप से व्यायाम करवाना चाहिए. इससे उनकी सीमेन की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होता है. इसलिए सांड को हल्की एक्सरसाइज कराते रहना चाहिए. एक्सरसाइज सांडों को काफी भारी होने से रोकने में मदद करती है

सांड की प्रबंधन में कई और जरूरी चीज हैं. जिनका ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है. अगर ऐसा न किया जाए तो डेयरी फार्म से होने वाले फायदे में कमी भी हो सकती है. सांड को हमेशा ही अलग से बनाए गए घर में रखना चाहिए. उनके घर खुले और ढके क्षेत्र में होने चाहिए.

कैसा हो सांड का घर
डॉक्टर इब्ने अली के मुताबिक सांड का घर ठंडा और वहां पानी पीने की व्यवस्था करना इनकी देखभाल में आता है. उन्हें हमेशा ही संतुलित आहार देना चाहिए. जिसमें जरूरी मात्रा में ऊर्जा प्रोटीन खनिज तत्व और विटामिन होना जरूरी है. सांडों को उनके प्रजनन काल में तथा उससे पहले भरपूर हरा चारा भी देना जरूरी होता है. आमतौर पर ज्यादातर सांड हिंसक प्रवृत्ति के होते हैं इसलिए उसे नाक में धातु की रिंग से नियंत्रित करना चाहिए. सांडों को थोड़े अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा करके राशन देना चाहिए.

बछड़ों को अलग बाड़े में रखें
उन्होंने बताया कि सांड के लिए चयनित बच्चों को अलग से बाड़े में रखें. इन बछड़ों का खान-पान तथा अन्य देखभाल संबंधित बातों का भी ध्यान दिया जाना बेहद जरूरी है. बच्चों के शारीरिक भार को देखते हुए अलग से आहार दिया जाता है. बछड़ों को उसके जन्म से 2 घंटे के अंदर खींस देना बेहतरा होता है. बछड़ों को खींस देना कई रोगों से लड़ने में उनकी मदद करता है. वहीं बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था करनी चाहिए. 7 से 10 दिनों के अंदर आहार देना शुरू कर देना चाहिए. बछड़ों के आहार में 20 फीसदी प्रोटीन होना चाहिए और आहार में रेशेदार चारा भी देना बेहतर होता है.

वैक्सीनेशन जरूर करें
एनिमल एक्सपर्ट डॉक्टर इब्ने अली का कहना है कि 7 महीने के बाद बछड़ों को धीरे-धीरे हरा चारा देना शुरू करना चाहिए. उन्हें पर्याप्त मात्रा में रकानड़ा मिश्रण और विटामिन दिया जाना बेहतर होता है. बछ़ड़ों को सांड घर में भेजने से पहले मुंह, खुर रेंडर पेस्ट और अन्य बीमारियों से बचाव के लिए वैक्सीनेशन करना भी बेहद जरूरी होता है.

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