नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के मछली पालन विभाग (Fishery Department of Uttar Pradesh) की मानें तो मछलियों की बेहतर ग्रोथ लेने के लिए उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला फीड खिलाना चाहिए. क्योंकि मछलियों की ग्रोथ पर फीड का बहुत असर होता है. यदि फीड खराब क्वालिटी का है तो फिर ग्रोथ अच्छी नहीं मिलेगी. इसलिए फीड का खास ख्याल रखना चाहिए. जान लें कि मछलिया की वृद्धि के लिए प्राकृतिक आहार के अलावा कृत्रिम आहार की आवश्यकता होती है. जब मछलियों को खाने के लिए संतुलित आहार होता है, तो वे तेजी से बढ़ती हैं और स्वस्थ रहती हैं.
यदि आप भी चाहते हैं कि आपके तालाब की मछलियां हैल्दी रहें और उन्हें वो ही फीड दिया जाए जो उनकी ग्रोथ को बेहतर रखता है तो फिर यहां बताई जाने वाली एक-एक बात को गौर से पढ़ें.
किस तरह का फीड खिलाएं.
पौष्टिक आहार मतलब सही मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन, खनिज लवण एवं पानी है. ये सभी आहार में होना चाहिए. असंतुलित, घटिया या मिलावटी फीड के कारण मछलियों की खराब वृद्धि होती है यहां तक कि मृत्युदर भी दिखाई देती है.
फीड को किसी मान्यता प्राप्त और विश्वसनीय डीलर से खरीदना आवश्यक है. यदि आप खुद ही फीड का उत्पादन करते हैं, तो विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता या डीलर से उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करें.
अपनी मछलियों की सही उम्र के लिए सही फीड फॉर्मूला का उपयोग करें. उच्च गुणवत्ता वाले फीड और आवश्यक मात्रा में फीड को खिलाने से तेजी से विकास दर हासिल होती है.
सही आहार का चयन, प्रतिदिन आहार की सही मात्रा, आहार देने की सही पद्धति, खिलाने की उचित फ्रिक्वेंसी आदि मछली की वृद्धि और स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है.
रोज के आहार की मात्रा मछली का शारीरिक भार के अनुसार सुनिश्चित की जाती है.
आमतौर पर आहार की दर मछली की उम्र बढ़ने के साथ साथ कम होती जाती है.
आहार की दर विभिन्न प्रकार के कारक जैसे मछली की उम्र, पानी की गुणवत्ता, मछली का स्वास्थ्य एवं शारीरिक स्थिति आदि पर निर्भर करती है.
निष्कर्ष
यदि इस तरह का फीड खिलाते हैं तो फिर मछलियों की ग्रोथ अच्छी होगी और बेहतर उत्पादन मिलेगा और मछली पालन के काम में फायदा भी होगा.