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गडवासु का बी.वोक. कोर्स क्यों है खेती और पशुपालन के लिए खास, क्या-क्या मिलेगी जानकारी

नई दिल्ली. क्या आप भी उद्यमशीलता के साथ कृषि के पुराने तौर-तरीकों के बारे में जानना चाहते हैं, अगर आपका जवाब हां है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल, गुरु अंगद देव वेटरनरी और एनीमल साइंस यूनीवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना ने कृषि शिक्षा और उद्यमिता (एंटरप्रेनरशिप) को जोड़कर एक नए कोर्स की शुरुआत की है. जानकारी के मुताबिक विवि ने एकीकृत खेती और उद्यमिता में बैचलर ऑफ वोकेशन (बी.वोक.) डिग्री कोर्स की शुरुआत की है. कोर्स के बारे में गडवासु के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह का कहना है कि ये एक पाठ्यक्रम है जो उद्यमशीलता के साथ कृषि के पुराने तौर-तरीकों को आपस में जोड़ता है. उन्होंने कहा कि इस डिग्री प्रोग्राम का मकसद आने वाले छात्रों को लगातार विकसित हो रहे कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए तमाम जरूरी जानकारी व स्किल के लिए मानसिक तौर पर प्रिपेयर करना है.

उन्होंने कहा कि गडवासु द्वारा डिग्री कोर्स को शुरू करना फूड प्रोडक्शन, पर्यावरणीय स्थिरता और वैश्विक विकास की चुनौतियों से जूझ रही दुनिया में एक साहसिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है. वाइस चांसलर ने कहा कि कोर्स शिक्षित युवाओं खासकर ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए एक व्यवहारिक और टिकाऊ विकल्प मुहैया कराएगा. रही बात कोर्स की तो गुरु अंगद देव वेटरनरी और एनीमल साइंस यूनीवर्सिटी (गडवासु), लुधियाना का ये डिग्री कोर्स पशुपालन और कृषि सिस्टम को जोड़कर टिकाऊ उत्पादन, प्रोसेसिंग, वैलयूा एडेड, फूड सिक्योरिटी, एनीमल वैलफेयर और मार्केटिंग जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में छात्रों को जानकारी उपलब्ध कराएगा.

बिन प्रदूषण कैसे हो फूड प्रोडक्श़न

वीसी डॉ. इन्द्रजीत सिंह कहते हैं कि एक तरफ फूड प्रोडक्शन करने पर वर्ल्ड लेवल से प्रदूषण फैल रहा है. वहीं कोर्स के जरिए गुणवत्ता के मानकों को पूरा करने, पर्यावरण की चिंता दूर करने और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने वाले उपभोक्ता की आवश्यकता को पूरा करने के लिए एक बार फिर से फूड प्रोडक्शन सिस्ट्म से जोड़ने की आवश्यकता है. ये कोर्स (बी.वोक.) इसी क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण है जो पारंपरिक कृषि ज्ञान प्रदान करता है तो साथ ही उद्यमिता की गहरी समझ भी पैदा करता है. यही समझ हमारे स्नातक के छात्रों को क्षेत्र में उद्यमी बनने की राह पर ले जाने में मदद करती है.

कोर्स का स्ट्रक्चर कैसा होगा

वीसी इन्द्रजीत सिंह ने कोर्स के जुड़ी जानकारी देते हुए कहा कि कोर्स छात्रों को लचीलापन और सुविधा प्रदान करने की मंशा को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन कराया गया है. उन्होंने बताया कि 2023-24 शैक्षणिक वर्ष के लिए प्री एंट्री पहले सेमेस्टर में ली गई है. इसके बाद के सेमेस्टर में सीधी एंट्री का विकल्प दिया गया है. बता दें कि आवेदन करने की आखिरी तारीख 25 अगस्त 2023 थी. कोर्स में प्रवेश ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर दिया गया था. इच्छुक उम्मीदवार अधिक जानकारी और आवेदन विवरण के लिए यूनिवर्सिटी की वेबसाइट www.gadvasu.in पर जा सकते हैं.

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