नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कहा है कि राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाने के साथ दूध उत्पादों की बेहतर ब्राडिंग, गोवंश की समुचित देखभाल, वेटनरी क्षेत्र में आवश्यक प्रशिक्षण और उन्नत अधोसंरचना स्थापित करने में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता का हरसंभव लाभ लिया जाए. बोले कि, साल 2030 तक प्रदेश के 26 हजार गांवों तक डेयरी नैटवर्क का विस्तार सुनिश्चित किया जाना है. इससे 52 लाख किलोग्राम दूध स्टोर होगा. बढ़े हुए दुग्ध संकलन का समुचित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए आधुनिकतम दुग्ध प्रसंस्करण अवसंरचना विकसित की जाए.
कहा कि प्रदेश में निर्मित होने वाले दूध उत्पादों की राष्ट्रीय स्तर पर ब्राडिंग सुनिश्चित की जाएगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और प्रदेश के दुग्ध संघों की गतिविधियों के संबंध में मंत्रालय में हुई बैठक को संबोधित कर रहे थे.
सीएम ने भुगतान के लिए क्या कहा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वैटनरी कॉउंसिल ऑफ इंडिया के सहयोग से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में वेटनरी के कोर्स संचालित किए जाएं.
उन्होंने नगरीयनिकायों की बड़ी गो-शालाओं के उन्नयन और प्रबंधन में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड से सहयोग लेने की जरूरत भी बताई.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी दूध संघों में एक समान उत्पाद निर्माण सुनिश्चित करने के लिए स्टेण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर अपनाना जरूरी है.
दूध उत्पादकों को दुध-मूल्य के नियमित और समय पर भुगतान की व्यवस्था की नियमित मॉनीटरिंग हो.
जिन क्षेत्रों में दुग्ध संघ की पहुंच सीमित है, वहां निजी दुग्ध व्यवसायियों को अद्यतन तकनीक का आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराकर दुग्ध व्यवसाय को प्रोत्साहित और सशक्त किया जाए.
प्रदेश के दुग्ध संघ, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और मध्यप्रदेश कृषि उद्योग निगम में बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो.
इस एप के फायदे भी गिनाए
सभी दुग्ध संघ अपने सदस्यों की बेहतरी के लिए कर रहे हैं नवाचार बैठक में जानकारी दी गई कि सम्पूर्ण डेयरी चैन का डिजिटाइजेशन करने के लिए दुग्ध संघों में प्रक्रिया शुरू की गई है.
दूध संकलन के लिए इंदौर दुग्ध संघ द्वारा मोबाइल एप का उपयोग शुरू किया गया है, जिससे दुग्ध उत्पादकों को उनके द्वारा दिए गए दूध की मात्रा, गुणवत्ता और मूल्य की जानकारी तत्काल प्राप्त होती है.
भोपाल दुग्ध संघ द्वारा शहरी उपभोक्ताओं को दूध की गुणवत्ता की जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘दूध का दूध-पानी का पानी’ अभियान आरंभ किया गया है.
भोपाल दुग्ध संघ ने ‘सांची भात योजना’ भी शुरू की है, जिसमें सहकारी समितियों के सदस्यों की बेटियों के विवाह के अवसर पर दुग्ध संघ की ओर से 11 हजार रूपए और वस्त्र, भात के रूप में प्रदान किए जाएंगे.
उज्जैन दुग्ध संघ द्वारा पशुधन स्वास्थ्य में सुधार के लिए विशेष अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है.
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