नई दिल्ली. पोल्ट्री फार्मिंग के काम में अंडों के उत्पादन के लिए लेयर मुर्गियों को पाला जाता है. जबकि चिकन के उत्पादन के लिए ब्रॉयलर मुर्गों की फार्मिंग की जाती है. इन दोनों ही काम से अच्छी कमाई होती है. अगर आप किसान हैं तो पोल्ट्री फार्मिंग करके खुद के लिए इनकम का एक और जरिया बना सकते हैं. जिससे कभी खेती में नुकसान होने पर पोल्ट्री फार्मिंग का बिजनेस आर्थिक रूप से आपको सहारा देगा. यही वजह है कि सरकार पशुपालन के अलावा पोल्ट्री फार्मिंग को भी बढ़ावा देने का काम कर रही है.
यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन (UP Poultry Association) की मानें तो देसी मुर्गे-मुर्गी और कड़कनाथ के अंडे और मीट खाने वाले शौकीन लोग होते हैं. यही वजह है कि इनके दाम अच्छे मिल जाते हैं. इसलिए इस काम को करके कमाई बढ़ाई जा सकती है.
यहां पढ़ें बिजनेस के बारे में
इस वक्त बाजार में सबसे महंगा अंडा और मीट कड़कनाथ का बिक रहा है. कड़कनाथ का चिकन इस वक्त बाजार में 800 से 1000 रुपये किलो तक बिक रहा है.
यूपी पोल्ट्री एसोसिएशन के अध्यमक्ष नवाब अली के मुताबिक बैकयार्ड पोल्ट्री के तहत देसी और कड़कनाथ मुर्गी के अंडों की सर्दियों और बारिश के मौसम में खूब डिमांड रहती है.
दाम में काफी अच्छेल मिल जाते हैं. कड़कनाथ का अंडा 15-16 रुपये से लेकर 18 रुपये तक का बिक जाता है.
जबकि देसी अंडा 10 से 11-12 रुपये तक का बिकता है. लेकिन सबसे बड़ी परेशानी गर्मी के मौसम में आती है.
हालांकि देसी मुर्गी और कड़कनाथ का अंडा गर्मियों के दिनों में नुकसान देता है, क्योंकि लोग इसे कम खाते हैं.
निष्कर्ष
अप्रैल से लेकर अगस्त-सितम्बर तक अंडे की डिमांड खत्म तो नहीं होती, लेकिन बहुत कम हो जाती है. ऐसे में अंडे देने वाली मुर्गी को बिना मुनाफे के दाना खिलाना घाटे का सौदा बन जाता है. हालांकि इसे हटा दिया जाए तो ये काम फायदा पहुंचाने वाला है.