नई दिल्ली. अब ये जरूरी नहीं है कि सिर्फ एमबीबीएस और बीडीएस करके ही आप डॉक्टर बनेंगे और अपना व परिवार का सपना पूरा करेंगे. अगर आप चाहें तो वेटनेरियन बनकर भी डॉक्टर बनने का सपना साकार कर सकते हैं. इसका मतलब ये है कि पशु चिकित्सा में अब युवाओं के लिए आपार संभावनाएं हैं. अगर आपने साइंस स्ट्रीम से 12वीं पास की है तो फिर आपके लिए इस संभावना का भी रास्ता खुल जाएगा. दरअसल, देश में मौजूदा वक्त में वेटनेरियन की बहुत जरूरत है. यही वजह है कि वेटनेरियन की डिग्री दे रहे देश के 55 कॉलेज भी वेटनेरियन और पैरा वेट एक्सपपर्ट की जो जरूरत है उसे पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
बता दें कि वेटनेरियन बनना कोई आसान भी नहीं है. इसके लिए आपको नीट के माध्यम से ही एडमिशन मिलेगा. इस संबंध में गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (गडवासु), लुधियाना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रंजीत सिंह का कहना है कि सिर्फ जागरुकता की कमी के चलते ही वेटनरी में छात्र कम आ रहे हैं. इसके लिए हम कॉलेजों में जा-जाकर जागरुकता कार्यक्रम चला रहे हैं. ताकि आौर लोग भी इसमें आएं. उन्होंने बताया कि हमारे यहां एडमिशन प्रक्रिया चल रही है. पैरा वेट एक्सपर्ट के लिए एडमिशन 12वीं की मेरिट के आधार पर हो जाते हैं. डेयरी साइंस में भी एडमिशन सीधे मेरिट के आधार पर ही होते हैं. इतना ही नहीं अगर आपके नंबर अच्छे आए हैं तो आप फिशरीज के एक्सपर्ट भी बन सकते हैं.
बनिए पशु-पक्षियों के डॉक्टर और टेक्नीशियन
डॉ. इन्द्र्जीत सिंह का कहना है कि इस वक्त देश में करीब 71 वेटरनरी कॉलेज चल रहे हैं. ये कॉलेज अलग-अलग कोर्स की डिग्री दे रहे हैं. अच्छी बात ये है कि कुछ और नए कॉलेज खुलने जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी के बारे में बताया कि साइंस स्ट्रीम से 12वीं पासआउट छात्र नीट क्लीयर करके वेटनेरियन हासिल कर सकते हैं. इसके अलावा साइंस स्ट्रीम वाले छात्र एनीमल बॉयो टेक्नोलाजी में बीटेक भी कर सकते हें. जबकि फिशरीज साइंस में डिग्री हासिल कर सकते हैं. वहीं 12वीं में मैथ रही है तो डेयरी एक्सपर्ट बनने का भी विकल्प है. इसके लिए भी यूनिवर्सिटी में एडमिशन हो रहे हैं. 12वीं की मेरिट के आधार पर एडमिशन लिए जाते हैं.
वेटनेरियन और पैरा वेट टेक्नी शियन के लिए यह हैं अवसर
डॉ. इन्द्रगजीत सिंह ने आगे बताया कि मौजूदा वक्त में इस फील्ड की हकीकत यह है कि इतने सारे वेटनरी कॉलेज हैं फिर भी इस फील्ड की जो जरूरत है उसे पूरा नहीं किया जा पा रहा है. सरकारी नौकरी से लेकर प्राइवेट सेक्टर में वेटनेरियन और पैरा वेट टेक्नीमशियन की सख्त जरूरत है. इस फील्ड के अवसरों को भुनाने के लिए बहुत सारे वेटनेरियन तो सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं. इस यूनिवर्सिटी से पढ़े हुए छात्र विदेश में सेवाएं दे रहे हैं. एक छात्र ने तो अभी यूनिवर्सिटी को 50 लाख रुपये दिए हैं. इसके अलावा एक ने 50 लाख तो एक और छात्र ने एक करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है. उन्होंने बताया कि ऐसा कोई राज्य नहीं है जहां पशुपालन से ज्यादातर किसान न जुड़े हों. डेयरी और फिशरीज में लोग आ रहे हैं. पोल्ट्री का कारोबार ही देख लिजिए कहां से कहां पहुंच गया है. यहां भी वेटनेरियन और पैरा वेट टेक्नीलशियन की जरूरत है.
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