नई दिल्ली. पशुपालन में भारत में जितने भी प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है, सब में सरकार फार्मर्स की मदद कर रही है. मछली पालन पर बहुत कम हो रहा है. सरकार का इस पर खास ध्यान भी है. एक अच्छा खासा बजट इस क्षेत्र में खर्च किया जा रहा है. ताकि फिशरीज सेक्टर को आगे ले जाया जा सके. वहीं बड़े कॉर्पोरेट भी इससे जुड़े हुए हैं. जिससे इस क्षेत्र में पैसे की कमी नहीं है और लोगों को इससे फायदा भी हो रहा है. वहीं डेयरी में भी बड़े काम हो रहे हैं और इस पर सरकार की तवज्जो भी है. इस वजह से इन सेक्टर में खूब फायदा हो रहा है लेकिन बकरी पालन एक ऐसा काम है जहां पर सरकार इतनी ज्यादा तवज्जो नहीं दे रही है. जबकि इसकी खास जरूरत है. यह कहना है देश के सबसे बड़े गोर्ट फॉर्म संचालक डीके सिंह का.
उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहाबाद रोड स्थित युवान एग्रो फार्म के संचालक डीके सिंह का कहना है कि इकलौता बकरी और भेड़ पालन का काम ऐसा काम है जिसको लेकर बहुत बड़े लोग नहीं जुड़े हुए हैं. जैसा युवान एग्रो फार्म काम कर रहा है वैसा काम लोग नहीं कर रहे हैं. जबकि इस क्षेत्र में संभावनाएं बहुत हैं और इससे बेहतर कमाई की जा सकती है ना सिर्फ इससे जुड़कर बड़े लोग अच्छा काम कर सकते हैं बल्कि इससे फार्मर्स की इनकम को भी बढ़ाया जा सकता है.
साइंटिफिक तरीके से पाले जा रहे हैं जानवर
डीके सिंह का कहना है कि बहुत ज्यादा लोगों के इस कारोबार में न जुड़ने के पीछे की वजह यह रही है कि बकरियों का जो मैनेजमेंट है और इनका जो हैल्थ मैनेजमेंट है दूसरे पशुओं के मुकाबले थोड़ा महंगा होता है. खासतौर पर जब आप ज्यादा जानवर रखते हैं तब ज्यादा खर्च की जरूरत पड़ती है. हालांकि युनाव गोट फॉर्म इस काम को बेहतर तरीके से कर पा रहा है और यहां पाली जा रहे बकरे और बकरियां साइंटिफिक तरीके पल रहे हैं और उनसे अच्छा उत्पादन भी लिया जा रहा है. उनकी सेहत भी अच्छी रहती है, जिससे उत्पादन बेहतर मिलता है.
किसानों की बढ़ाएंगे इनकम
उनका कहना है कि हमारा मकसद यह है कि इस काम से किसानों को भी जोड़ा जाए. जैसे हम बेहतर तरीके से फार्मिंग करके कमाई कर रहे हैं, देश के किसान भी कमाई करें. इसके लिए हम उन्हें जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं. अभी तक हमने 500 से ज्यादा किसानों को अपने फार्म से जोड़ लिया है और उन्हीं की मदद से कहीं ना कहीं यह फॉर्म चल रहा है. आने वाले दिनों में 5000 किसानों को जोड़ने का टारगेट रखा गया है. हम उन्हें पशुपालन के बारे में बताएंगे, उनकी फार्मिंग को एडवांस किया जाएगा. उन्हें टेक्निकल चीजों की जानकारी दी जाएगी. उनका सपोर्ट किया जाएगा और उनकी हर तरह से आजीविका बढ़ाने का काम किया जाएगा.
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