नई दिल्ली. बकरी पालन में आमतौर पर गोट फॉर्मर्स बकरी को बेचकर अच्छी खासी कमाई करते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बकरी की दूध की डिमांड भी बाजार में बहुत बढ़ी है. खासतौर पर बकरी के दूध में पाई जाने वाली कई क्वालिटीज की वजह से कुछ मौकों पर दूध की कीमत बाजार में 200 रुपये प्रति किलो से लेकर 400 रुपये प्रति किलो तक रहती है. वहीं कुछ नस्लों की बकरियां ऐसी होती हैं, जिनके दूध की कीमत 1500 रुपये किलो तक भी है. इसलिए लिहाज से बकरी पालन एक मुनाफा देने वाला कारोबार है. जिसे करके अच्छी कमाई की जा सकती है.
अगर बकरी के दूध की क्वालिटीज की बात करें तो ये बहुत ही ज्यादा ताकतवर और पौष्टिक होता है. बहुत सारी रिसर्च में ये बात सामने आ चुकी है कि बकरी के दूध में भरपूर मात्रा में विटामिन होते हैं. इसमें मिनरल्स भी होते हैं. इसमें मैग्नीशियम, विटामिन डी, कॉपर, सोडियम, सैचुरेटेड फैट और कैल्शियम जैसे जरूरी सोर्स होते हैं. इसलिए बकरी का दूध इंसानों के लिए बहुत ही बेहतर है.
बकरी के दूध से इम्यूनिटी बढ़ती है
बकरी के दूध की सबसे अच्छी खासियत यह है कि यह बहुत ही आसानी से पचने वाला दूध है. इस वजह से इसे छोटे बच्चों को और बुजुर्गों को भी दिया जा सकता है. वहींं गाय के दूध से जिन लोगों को एलर्जी होती है, वह भी बकरी का दूध पी सकते हैं. इससे एलर्जी का भी खतरा कम हो जाता है. कई बार जब लोग बीमार हो जाते हैं तो भी बकरी के दूध पीने की सलाह डॉक्टर की तरफ से दी जाती है. क्योंकि इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता भी होती है. इस वजह से यह बीमार लोगों को जल्दी स्वस्थ करने में बकरी का दूध मददगार साबित होता है.
ज्यादा पौष्टिक होता है दूध
हालांकि एक सवाल यह भी है कि हमें किस तरह की बकरी का दूध पीना चाहिए? क्योंकि बहुत से एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि यह जरूरी नहीं है कि हर तरह की बकरियों का दूध फायदेमंद ही हो. कुछ बकरियों का दूध कम फायदेमंद होता है. गोट एक्सपर्ट की मानें तो जो बकरियां बाहर मैदान में चरती हैं, उस बकरी का दूध ज्यादा पौष्टिक होता है. उसका दूध आसानी से हजम होने वाला भी होता है. क्योंकि जो बकरियां बाहर चरती हैं, वह अपना पेट भरने के लिए अपनी जरूरत के हिसाब से अपनी पसंद से चारा खाती हैं.
इस तरह दूध में आती है मेडिसिनल क्वालिटी
बकरियां यह पेड़ों की पेड़ पत्तियों को भी खाती हैं, कई ऐसे मेडिसिनल प्लांट भी यह खा लेती हैं. जो बहुत ज्यादा कड़वे होते हैं. जिसकी वजह से उनके दूध की क्वालिटी और ज्यादा बढ़ जाती है. क्योंकि मेडिसिनल प्लांट जो कड़वे होते हैं, उन्हें खाने से इसका असर बकरियों के दूध में आता है. एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि जो बकरी बाहर चरने के लिए जाती है, उसी बकरी का दूध हमें पीना चाहिए. इससे हमें ज्यादा विटामिन और मिनरल मिलेंगे. वहीं जो बकरियां घर पर रहकर पलती हैं उसका दूध इतना ज्यादा पौष्टिक नहीं होता है. क्योंकि उसमें बकरियों को चारा घर पर खिलाया जाता है और बकरी अपनी मनमर्जी का चारा नहीं खा पाती है.
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