नई दिल्ली. पशुपालन किसानों की इनकम डबल करने का एक बेहतरीन जरिया है. सरकार भी पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. वहीं बहुत से किसान भी पशुपालन में हाथ आजमा रहे हैं और इसमें उन्हें सफलता भी मिल रही है, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि बहुत से लोगों को पशुपालन में नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. जिसके चलते वह पशुपालन से किनारा कर ले रहे हैं. क्योंकि उनके पास पशुपालन करने की तमाम जानकारी नहीं होती है. जबकि पशुपालन करने के लिए पशुपालन की तमाम बारीकियां को जानना बेहद ही जरूरी है. तभी इसमें कामयाबी मिल सकती है नहींं तो फायदे की जगह घाटा भी उठाना पड़ सकता है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि कोई भी पशुपालन करता है तो उसे पशुपालन से जुड़ी तमाम जानकारी को कर लेना चाहिए. तभी इस काम में हाथ बढ़ाना चाहिए, नहीं तो इसमें एक बार में ही लाखों का नुकसान हो जाता है. जिससे दोबारा पशुपालन करना बेहद ही मुश्किल काम हो जाएगा. इस काम में पूंजी भी टूट जाती है और फिर लोग कर्ज में भी डूब जाते हैं. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुपालन में धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहिए. मतलब एक गाय या दो गाय, या एक दो भैंस से शुरुआत करने में नुकसान का भी खतरा बहुत कम रहता है.
फीड के बारे में कर लें पूरी जानकारी
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आप पशुपालन का आगाज करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये काम करें कि जिस एरिया से हैं वहां लोकल में आप डेयरी फार्म पर जाकर करके तमाम जानकारी कर लें. एक पशुओं को कितना फीड देना है, कितना हरा चारा और कितना सूखा चारा देना है इसके बारे में जानकारी कर लें. वहीं पशुओं को इसके अलावा क्या-क्या खाने में दिया जाता है, इसकी भी जानकारी कर लेना चाहिए. ये भी पता कर लें कि पशुओं के फीड पर कितना खर्चा हो रहा है. आपका पशु कितना दूध उत्पादन कर रहा है. क्या इसके बाद आपको फायदा हो रहा है कि नहीं, कहीं ऐसा तो नहीं हो रहा है कि फीड में ही पूरा खर्च हो जा रहा है. ये सब जानकारी अहम है.
तो हो जाएगा बड़ा नुकसान
एक्सपर्ट के मुताबिक कोशिश करें कि 5 या 10 पशु न खरीदें. बल्कि एक दो पशु से पशुपालन की शुरुआत करें. आप अच्छे ढंग से एक दो पशु को पाल ले रहे हैं और इसे बचत भी हो रही है तो फिर आप आगे बढ़ें और पशुओं की संख्या को बढ़ाएं. जिससे आपको फायदा ज्यादा होने लगेगा. पशुपालन में बीमारी की वजह से नुकसान ज्यादा होता है. बीमारी के कारण पशुओं का दूध उत्पादन कम हो जाता है. वहीं इसके चलते पशु कमजोर भी हो जाता है. मान लीजिए जैसे पशु बीमार पड़े आपको पता चल जाना चाहिए कि पशु बीमार है. कहीं ऐसा न हो कि पशु बीमार है और आपको इसका पता ही न चले. ऐसे में नुकसान का खतरा ज्यादा है.
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