नई दिल्ली. ठंड का मौसम मछली पालन के लिए मुश्किल भरा होता है. ठंड में मछलियों को बेहद ही दिक्कत होती है. इस मौसम में मछली पालन में हर वक्त नुकसान का खतरा बना रहता है. क्योंकि कई मछलियां ठंड में सुस्त पड़ जाती हैं और वह फीड भी नहीं खाती हैं. इसके चलते उनमें मृत्युदर दिखाई देती है. वहीं ऑक्सीजन की कमी की वजह से भी तालाब के अंदर मछलियां मर जाती हैं. ऐसे में यह जरूरी होता है कि उनमें मृत्युदर को रोका जाए, ताकि मछली पालन में ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके.
मछली पालक भाई अगर एक एकड़ के तालाब में मछली पालन करते हैं तो इससे उन्हें 20 से 25 क्विंटल मछली हासिल होती है. वहीं 5 से 6 लाख रुपए तक की कमाई उन्हें होती है, लेकिन ठंड में सही तरह से मछलियों का ख्याल न रखा जाए तो मछलियों का उत्पादन तालाब से कम होगा. इस वजह से मुनाफा भी कम होगा. यही वजह है कि एक्सपर्ट मछलियों की ठंड में ज्यादा देखभाल करने की सलाह देते हैं. आईए जानते हैं कि एक्सपर्ट ने इस संबंध में क्या कहा है.
यहां पढ़ें ठंड के टिप्स
मछली पालक पीएच मान के आधार पर एक हेक्टेयर के तालाब में 300 किलोग्राम चूने का इस्तेमाल करें.
सर्दियों के अंदर हर 15 दिन के अंदर तालाब में जाल चलाकर मछलियों की जांच करते की जानी चाहिए.
मछलियों को हाथ में लेकर देखना चाहिए. इससे उनकी बीमारी का पता चलता है. अगर बीमार हैं तो इलाज किया जाता है.
मछलियों के फीड का खास ख्याल रखना पड़ता है. क्योंकि ठंड मछलियों की हैल्थ पर भी असर डालती है.
ठंड के दौरान मछलियों को कम भोजन देना चाहिए. क्योंकि ठंड में मछलियां कम गतिविधि करती हैं.
मछलियों का भोजन 100 से 200 भिगोकर गेंद की तरह से गोला बनाकर किसी एक ट्रे फीड देना चाहिए.
फीड देने के लिए एक बोरी में फीड को रख लें और गर्म रॉड से उसमें छेद कर दें. उसे तालाब के किनारे रख दें.
मछलियों वहां पर जाकर भोजन कर लेंगी. इस विधि का फायदा यह होता है मछलियां उतना ही भोजन करती हैं जितना उन्हें जरूरत होती है.
तालाब में ताजा पानी भी डालते रहना चाहिए और पुराने पानी को एक चौथाई उससे कम निकलते रहें.
तालाब में आक्सीजन बढ़ाने के लिए एयरेटर प्रतिदिन एक से दो घंटे तक जरूर चलाएं. इससे मछलियों को दिक्कतें नहीं होंगी.
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