नई दिल्ली. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए और इस काम से किसानों की इनकम को दोगुनी करने के लिए केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना चला रही है. वहीं राज्य की सरकारों ने भी अपने स्तर से कई योजनाओं को शुरू किया है. मत्स्य निदेशालय कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखण्ड सरकार (Fishery Directorate, Department of Agriculture, Animal Husbandry and Cooperation, Government of Jharkhand) की ओर से भारत सरकार के “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत मत्स्य प्रक्षेत्र की नई योजना की शुरुआत की गई है.
इसके तहत राज्य के सभी मछली किसान जो मछली पालन को रोजगार के रूप में अपनाना चाहते है, के लिए भारत सरकार द्वारा “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत नई योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारम की गई है.
योजना का क्या-क्या है फायदा
इस योजना का मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन एवं उत्पादकता में इजाफा करना है. फिशरीज की के लिए नई तकनीकी सहायता, आवश्यक आधारभूत संरचनाओं का विकास, आधुनिकीकरण और ढांचे को मजबूत करने के लिए सहायता उपलब्ध कराया जाना है.
इस योजना के तहत प्रस्तावित कार्य, विस्तृत विवरणी, इकाई लागत तथा योजना के लिए अन्य आवश्यक माप-दंडो की विस्तृत विवरणी मत्स्य निदेशालय, झारखण्ड रांची के वेबसाईट www.jharkhandfisheries.org पर उपलब्ध है.
इसके अलावा भारत सरकार मात्त्विकी पशुपालन एवं गव्य विकास मंत्रालय के वेबसाइट (www.dof.gov.in) पर PMMSY Guidelines के रूप में भी उपलब्ध है.
विशेष जानकारी के लिए इच्छुक आवेदक अपने जिला के जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं. प्रत्येक कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा तय अहर्ताओं के अनुरूप
आवश्यकतानुसार भूमि एवं डी.पी.आर लाभुकों को स्वयं के आय पर उपलब्ध कराना होगा.
योजना के तहत SC/ST एवं महिलाओं के लिए महायला इकाई लागत का कुल 60 फीसद (बड़े RAS-25 परसेंट) अन्य जाति को लिए सहायला इकाई लागत की कुल 40 फीसद (बड़े RAS के तहत 20 फीसद तक मदद मिलेगी.
निष्कर्ष
अगर आप अपनी इनकम मछली पालन करके बढ़ाना चाहते हैं या फिर कृषि के अलावा एक और काम करना चाहते हैं तो सरकारी योजनाओं का फायदा उठाकर मछली पालन का काम शुरू कर सकते हैं. इससे आपकी इनकम बढ़ जाएगाी.
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