नई दिल्ली. बकरी पालन एक ऐसा काम है, जिससे अच्छी कमाई हो सकती है. वहीं अगर वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन किया जाए तो मुनाफा ज्यादा हो सकता है. क्योंकि साइंटिफिक तरीके से बकरी पालन करने से बकरियों की सेहत अच्छी रहती है. उन्हें वो तमाम सहूलियतें मिलती हैं जो उन्हें बेहतर उत्पादन के लिए चाहिए होती है. ऐसे में बकरी मोटी-ताजी हो जाती है और ज्यादा दूध का उत्पादन करती है. वहीं बकरे इस तरह से पाले जाएं तो उनसे ज्यादा मीट हासिल किया जा सकता है. मीट स्वादिष्ट भी होता है.
पशुपालन निदेशालय, पशु एवं मत्स्य संसाधन पिनाग, बिहार (Directorate of Animal Husbandry, Animal and Fishery Resources, Bihar) की तरफ से वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन को लेकर कुछ टिप्स दिए गए हैं. आइए इस बारे में जानते हैं.
वैज्ञानिक तरीके से बकरी पालन में आवास प्रबंधन कैसे करें
फार्म में पर्याप्त मात्रा में धूप, हवा एवं खुली जगह हो.
सर्दियों में बकरियों को ठंड से एवं बरसात में बौछार से बचाने की व्यवस्था करें.
बकरी आवास को साफ एवं स्वच्छ रखें.
नवजात मेमनों को सीधे मिट्टी के सम्पर्क में आने से बचाने के लिए फर्श पर सूखी घास या पुआल बिछा दें तथा उसे हर तीसरे दिन बदलते रहें.
वर्षा ऋतु से पूर्व एवं बाद में फर्श के ऊपरी सतह की 6 इंच मिट्टी बदल दें.
नवजात मेमनों, गर्भित बकरियों एवं प्रजनक बकरे के लिए अलग आवास व्यवस्था करें.
एक वयस्क बकरी को 3-4 वर्ग मीटर जगह की जरूरत होती है.
ब्यात के बाद बकरी तथा उसके मेमनों को एक सप्ताह तक साथ रखें.
पूर्ण परिपक्व होने के बाद (डेढ़ से दो वर्ष) बकरे का प्रजनन के लिये उपयोग न करें.
एक बकरा 25 से 30 बकरियों को गर्भाधान कराने के लिए पर्याप्त है. 30 से अधिक बकरियों पर बकरों की संख्या बढ़ा देनी चाहिए.
प्रजनक बकरे को एक से डेढ़ वर्ष बाद बदल दें. जिससे अन्तः प्रजनन के नुकसानों से बचा जा सकें.
निष्कर्ष
अगर आप इस तरह से बकरी पालन करते हैं तो मुनाफा कमाने का मौका जयादा मिलेगा. क्योंकि बकरी इससे हैल्दी रहेगी और फिर उत्पादन ज्यादा करेगी.
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