नई दिल्ली. भारत सरकार ने 18 सितंबर 2024 को वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक 5 वर्ष की अवधि के दौरान मछली पालन को बढ़ावा देने की दिशा में कई कदम उठाए हैं. इसके लिए 79 हजार 156 करोड़ के कुल खर्च के साथ धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DAJGUA) को मंजूरी दी है, ताकि 17-लाइन मंत्रालयों के माध्यम से 25 योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सके. DAJGUA बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और महत्वपूर्ण अंतराल को दूर करके आदिवासी क्षेत्रों और आजीविका में समुदायों के व्यापक विकास की परिकल्पना करता है.
मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार सहित भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के तहत इस मिशन का उद्देश्य आदिवासी बाहुल्य गांवों और आकांक्षी ब्लॉकों में आदिवासी परिवारों के लिए संतृप्ति कवरेज को अपनाकर आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है.
यहां पढ़ें योजना की डिटेल
योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के जनजातीय बहुल ग्रामों तथा आकांक्षी प्रखण्डों में जनजतीय समुदायों के बीच सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करना है.
साथ ही जलकृषि के माध्यम से अनुसूचित जनजातीय मछुआरों और सामूहिक मत्स्य पालक, समूह, धारकों को आर्थिक मजबूती देना है.
भारत सरकार द्वारा झारखंड राज्य के 223 ब्लॉकों और 6882 गांवो के अनुसूचित जनजाति के कृषक जो मछली पालन को रोजगार के रूप में अपनाना चाहते हैं, के लिए भी DAJGUA प्रारंभ की गयी है.
इस योजना के तहत प्रस्तावित कार्य, विस्तृत विवरणी, इकाई लागत तथा योजना हेतु अन्य आवश्यक माप-दण्डों की विस्तृत विवरणी मत्स्य निदेशालय, झारखण्ड, राँची के वेबसाईट www.jharkhandfisheries.org पर उपलब्ध है.
निष्कर्ष
योजना का फायदा उठाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. सरकार चाहती है कि किसानों की आमदनी बढ़े. इसलिए किसानों को मछली पालन के प्रति प्रेरित कर रही है.
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