नई दिल्ली. पशुपालन में कोई एक समस्या नहीं है बल्कि कई तरह की दिक्कतें आती हैं. जिसके चलते पशुपालन के काम में नुकसान उठाना पड़ता है. इस वजह से इन समस्याओं को जड़ से खत्म करना बेहद जरूरी है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि पशुओं की कई बड़ी समस्याओं में से एक दिक्कत यह है कि कई बार पशु कंसीव नहीं होते हैं. बार-बार क्रॉस करने के बावजूद कंसीव नहीं कर पाते हैं और रिपीट हो जाते हैं. अब ऐसे में ये जानना बेहद ही जरूरी है कि ऐसा क्यों हो रहा है. अगर दिक्कत की जड़ तक पहुंच जाया ताए तो फिर समस्या का हल भी मिल जाता है.
एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि रिपीट ब्रीडिंग के कई कारण हो सकते हैं लेकिन इसकी दो वजह सबसे ज्यादा अहम मानी जाती है. इस आर्टिकल में हम आपको इन समस्या के बारे में बताएंगे. साथ ही आपको उसका समाधान भी बताएंगे ताकि आपका पशु रिपीट ब्रीडिंग का शिकार है तो इस समस्या से उसे निजात मिल जाए.
पहली परेशानी और उसका हल क्या है
अक्सर पशु में डिले ओवुलेशन की समस्या होती है. डिले ओवुलेशन को अगर आसान भाषा में समझा जाए तो एग का सही समय पर रिलीज नहीं होना कहलाता है. एक तय समय पर पशु के नाजुक अंगों से एग रिलीज होता है और हम जो सीमेन का इस्तेमाल करते हैं, वही एग के साथ मिलकर भ्रूण का निर्माण करता है. यानी पशु के पेट में बच्चा बनने लगता है, लेकिन डिले ओवुलेशन के कारण एग समय पर रिलीज नहीं होता है और जो सीमेन लगा रखा है, उसके स्पर्म पशु के शरीर में सिर्फ 24 घंटे तक पशु जीवित रहते हैं. यानी की 24 घंटे के बाद जब एग रिलीज होगा और वह स्पर्म से मिलेगा तो उससे भ्रूण का निर्माण नहीं होगा. क्योंकि स्पर्म की मौत हो चुकी होती है. इसके अगर हल की बात किया जाए तो ढाई एमएल जीएनआरएच का इंजेक्शन लगाना चाहिए. पशु चिकित्सक की सलाह पर आप बेहतर कंपनी का इंजेक्शन खरीद सकते हैं.
दूसरी परेशानी क्या है, पढ़ें यहां
अब दूसरी समस्या की बात की जाए जिसे अर्ली एंब्रीयॉनिक मोटिलिटी कहा जाता है. इसमें जब पशु को कंसीव करते हैं और भ्रूण 15 से 17 दिन का होता है, तब पशु के शरीर में किसी वजह से एक हार्मोन रिलीज होता है. वह हार्मोन से भ्रूण की मौत हो जाती है. इसके सॉल्यूशन की बात की जाए तो पशु की एआई करने के बाद पांचवें छठे या सातवें दिन ड्यूराप्रोजेन का इंजेक्शन लगवाना चाहिए. आप पशु चिकित्सक की सलाह पर इस इंजेक्शन को लगवा सकते हैं. वहीं एआई कराने के बाद 14 से 17 में दिन के बीच में डॉक्टर की सलाह पर एक अन्य इंजेक्शन लगातार चार दिनों तक लगवाना चाहिए. अगर इसको करते हैं तो रिपीट ब्रीडिंग की कितनी भी गंभीर समस्या होगी, वो सही हो जाएगी और उसके बाद पशु कंसीव कर जाएगा.
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