Home पशुपालन Animal Husbandry: अपने पशु बाड़े के पास कर लें ये इंतजाम, आपदा आने पर पा सकेंगे जल्द काबू, नहीं होगा नुकसान
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Animal Husbandry: अपने पशु बाड़े के पास कर लें ये इंतजाम, आपदा आने पर पा सकेंगे जल्द काबू, नहीं होगा नुकसान

HF Cross Cow milk per day
प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली.अगर आप पशुपालक और किसान हैं तो ये खबर आपके लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि अब पशुपालन भी बहुत खर्चीला होता जा रहा है. एक-एक गाय-भैंस की कीमत एक लाख रुपये से अधिक हो गई है तो अच्छी नस्ल की एक बकरी कम से कम 20-25 हजार से कम नहीं आ रही. ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही आपदा के वक्त बड़ा नुकसान कर सकते है. इसलिए आपदा से निपटने के लिए कुछ ऐसे इंतजाम कर लें, जिससे आर्थिक नुकसान होने से बचाया जा सकता है. अब वो कौनसे इंतजाम हैं, जिनसे पशुओं को सुरक्षित कर आर्थिक जोखिम को टाला जा सकता है तो इस पर हम आपको बता रहे हैं. ये उपाय हमारे खुद के नहीं बल्कि बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के हैं, जिसने अग्नि आपदा से बचाव और पशुधन की रक्षा के लिए किए जाने वाले बचावों के बारे में बताया है.

लाखों रुपये खर्च कर पशुपालन शुरू करने वाले किसान और पशुपालकों को बहुत सी सावधानी बरतने की जरूरत होती है. थोड़ी सी लापरवाही से पशुधन से हाथ धो सकते हैं तो बड़ा आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसलिए कुछ छोटी-छोटी चीजों पर पहले से ही गौर लिया जाए तो खतरे की आशंका को कम ही नहीं बल्कि पूरी तरह से खत्म भी किया जा सकता है. आज LiveStockAnimalNews.com बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से जारी की गई जानकारी को आपसे साझा कर रहा है. इन बातों पर गौर करके आप अपने पशुशाला को खतरे से मुक्त बना सकते हैं. इसलिए नीचे दिए गए बिंदुओं को गौर से पढ़कर अपने फार्म पर अप्लाई करें.

पशुपालक क्या करें

पशुशाला या बाड़े के पास आग बुझाने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी, बालू मिट्टी तथा कंबल या फिर मोटा कपड़ा आदि का इंतजाम होना चाहिए.

अगर पशुशाला में बिजली आपूर्ति होती हो तो बिजली वायरिंग की समय-समय पर जांच तथा मरम्मत कराई जानी चाहिए. कहीं पर भी खुले तार और टूटा पाइप न हो. अगर खुले तार टूट पाइप होंगे तो करंट और स्पार्किंग से आग लगने का खतरा बना रहेगा.

अगर आपने अपने पशुशाला या बाड़े को फूस से बनाया है तो उस फूस की पशुपाला की दीवारों पर मिट्टी का लेप कर देना चाहिए, जिससे आग नहीं पकड़ेगी.

आग लगने पर आस-पड़ोस के लोगों के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करना चाहिए.आवश्यकता होने पर आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड एवं स्थानीय प्रशासन को सूचित किया जाना चाहिए. अपने पशुशाला या गांव में फायर बिग्रेड का संपर्क नम्बर लिखा जाना चाहिए.

अगर कभी आग लगने से पशु झुलस या जल जाता है तो तत्काल पूरे शरीर पर ठंढ़ा पानी डालना चाहिए. जलने के बाद जले भाग पर अरंडी तेल के मिश्रण का लेप लगाना चाहिए, शीघ्र ही स्थानीय पशु चिकित्सालय से संपर्क करना चाहिए.

पशुपालक इन चीजों को भूल से भी न करें

पशुशाला के पास दीपक, लालटेन, मोमबत्ती या आग नहीं रखना चाहिए.

फसल के कट जाने के बाद फसल अवशेषों को खेतों में नहीं जलाया जाना चाहिए.

जलती हुई माचिस की तिली, बीड़ी-सिगरेट के जलते हुए टुकड़े, जलती हुई अगरबत्ती आदि को नहीं फेंकना चाहिए.

ठंढ़ से बचाव के लिए पशुओं को सिंथेटीक सामग्रियों से बने कपड़ों से नहीं ढ़कना चाहिए.

ठंड में अलाव जलाने पर अलाव को अच्छी तरह बुझाकर ही सोएं.

पशुशाला संकरे एवं बंद स्थान पर नहीं बनाया जाना चाहिए. बंद पशुशाला में कभी भी आग या धुंआ न करें. धुंआ से पशुओं में सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.

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