नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक के बाद शनिवार को महाकुम्भ 2025 में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग की अहम बैठक का आयोजन हुआ. पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग के प्रदेश स्तरीय अधिकारी तथा प्रयागराज, विंध्याचल और वाराणसी मंडल के अधिकारी उपस्थित रहे. बैठक में विभाग द्वारा संचालित कार्यों की समीक्षा के साथ गोवंश संरक्षण, दुग्ध उत्पादन में वृद्धि तथा गोबर व गोमूत्र के व्यावसायिक उपयोग को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए.
बैठक में गो संरक्षण को समग्र बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा विस्तृत रणनीति बनायी गयी. प्रदेश के सभी गो आश्रय स्थलों के आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कृषि विभाग के सहयोग से वर्मीकम्पोस्ट इकाई स्थापित की जायेगी. कृषि विभाग द्वारा वर्मीकम्पोस्ट उत्पादन हेतु केंचुए की आपूर्ति तथा खाद की लाइसेन्सिग व मानकीकरण तथा विपणन की व्यवस्था उपलब्ध करायी जायेगी.
साइलेज बनाने के लिए दी जाएगी ट्रेनिंग
इसके अलावा बैठक में प्रदेश के सभी जनपदों में गोबर, गोमूत्र से कई प्रोडक्ट तैयार किये जाने के लिए तकनीक का विकास एवं पशुपालकों व गो आश्रय स्थल संचालकों को प्रशिक्षण दिए जाने का फैसला लिया गया. गाय और गो पालन को स्कूल पाठ्यक्रम में सम्मिलित किये जाने पर भी प्रदेश सरकार विचार कर रही है, जिससे बच्चों को गाय व गाय के दूध के महत्व के संबंध में ज्ञानवर्धन किया जा सके. गो आश्रय स्थल संचालकों और चारा उत्पादक कृषकों को चारागाह भूमि पर उत्पादित हरे चारे से साइलेज निर्माण तकनीक का प्रशिक्षण दिया जायेगा. भारतीय चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी के समन्वय से विभिन्न प्रकार के हरे चारे की किस्मों, नेपियर, एजोला इत्यादि के उत्पादन तकनीक के संबंध में कृषकों तथा गो आश्रय स्थल संचालकों को प्रशिक्षण दिया जायेगा.
यहां जानें गायों को हर दिन मिलेंगे कितने रुपए
प्रदेश सरकार द्वारा गो संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए 7,713 गो आश्रय स्थलों में 12,43,623 निराश्रित गोवंशों को आश्रय दिया गया है. इनके भरण-पोषण के लिए दी जाने वाली धनराशि को 30 रुपये प्रतिदिन प्रति गोवंश से बढ़ाकर 50 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है. वहीं, मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत एक लाख 5 हजार 139 लाभार्थियों को 1 लाख 62 हजार 625 निराश्रित गोवंश सुपुर्द किए गए हैं. जिसके तहत प्रत्येक लाभार्थी को प्रति माह 1500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है. बैठक में बताया गया कि मकर संक्राति के अवसर पर विशेष अभियान चलाकर चिहिन्त कुपोषित परिवारों को 1511 निराश्रित गोवंशों की सुपुर्दगी की गयी.
गो आश्रय स्थलों पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरे
प्रदेश में वृहद गो संरक्षण केन्द्रों की इकाई निर्माण लागत 120 लाख रुपये से बढ़ाकर धनराशि 160.12 लाख रुपये करते हुये 543 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गयी तथा 372 केन्द्रों का निर्माण पूर्णकर क्रियाशील कर दिया गया है. जनपदों में संचालित गो संवर्धन कोष की धनराशि से राजमार्गों, राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे पशुपालकों के पशुओं में रेडियम बेल्ट व गो आश्रय स्थलों में सीसीटीवी लगाये जाने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है.
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