नई दिल्ली. बिहार में पशु की उन्नत नस्ल तैयार करने के मकसद से राज्य सरकार ने बहुत बड़ा फैसला लिया है. अब बिना रजिस्ट्रेशन कराए राज्य में गाय-भैंस के कृत्रिम गर्भाधान करने वालों पर नकेल कसने की तैयारी है. ऐसे लोगों पर सरकार 15 लाख रुपए का जुर्माना लगाने की तैयार कर चुकी है. अब राज्य में कृत्रिम गर्भाधान करने के लिए तकनीशियनों, संस्थाओं, प्रयोगशाला और सीमेन स्टेशन को रजिस्ट्रेशन कराना होगा. वो भी तीन महीने के अंदर-अंदर. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो तकनीशियनों को 15 हजार तो प्रयोगशाला को पांच लाख जुर्माना देना होगा. इस कार्य में जुटे अन्य संस्थाओं के लिए भी जुमर्ना राशि सरकार ने तय की है.
बिहार सरकार (Bihar Government) ने कहा कि सीमेन स्टेशन, भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला, कृत्रिम गर्भाधान सेवा प्रदाता, प्रशिक्षण केंद्र, तकनीशियन को हर हाल में रजिस्ट्रेशन कराना होगा. दरअसल, बहुत से अप्रशिक्षित लोग कृत्रिम गर्भाधान में करने लगे हैं. जिसपर सरकार रोक लगाना चाहती है. क्योंकि स्टोरेज और वितरण मानकों के अनुरूप नहीं हो रहा है.
क्या-क्या है नियम
सरकार की ओर से कहा गया है कि पशुपालक अब ठगे नहीं जाएंगे. जब नियमावली लागू होगी तो कृत्रिम गर्भाधान कार्य की गुणवत्ता बढ़ेगी.
विधानमंडल से पशु प्रजनन विनियमन विधेयक पारित किया हो गया है. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग इसे लागू करने की तैयारी में जुट गया है.
बिहार पशुधन विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक के यहां पंजीकरण के लिए आवेदन देना होगा.
विशेषज्ञों का पैनल द्वारा आवेदनों की जांच होगी. जांच में मानक अनुरूप पाए जाने पर तकनीशियन, प्रयोगशाला, संस्थान का पंजीकरण कर लिया जाएगा.
सीमेन स्टेशन 2 वर्ष के लिए रजिस्ट्रेशन करा पाएंगे. भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला भी 2 वर्ष, कृत्रिम गर्भाधान सेवा देने वालों का पांच वर्ष के लिए रजिस्ट्रेशन होगा.
सरकार के मुताबिक तकनीशियन को 52 साल के लिए रजिस्ट्रेशन करना होगा. जबकि
प्रशिक्षण संस्थान का 3 वर्ष के लिए रजिस्ट्रेशन होगा.
पंजीकरण नहीं कराने पर सीमेन स्टेशन 15 लाख रुपये, भ्रूण प्रत्यारोपण प्रयोगशाला पर 5 लाख रुपए, सेवा प्रदाता 10 लाख रुपए, प्रशिक्षण संस्थान 5 लाख रुपए और तकनीशियन 15 हजार का जुर्माना लगेगा.
सरकार ने रजिस्ट्रेशन फीस 1 हजार से 25 हजार रुपए तक तय की है. वहीं जिनका रजिस्ट्रेशन खत्म हो गया वो 500 रुपए से 10 हजार रुपए देकर फिर से रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
निष्कर्ष
कृत्रिम गर्भाधान सेवा प्रदाता या तकनीशियन के परिसर में रखे सीमेन के स्टोरेज और गुणवत्ता की जांच हो सकेगी. पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के विशेषज्ञ समय-समय पर इसका सैंपल लेंगे. खराब गुणवत्ता के सीमेन पाए जाने पर कार्रवाई की होगी और इसके लिए भी अलग से जुर्माने लगेगा.
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