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Animal Husbandry: पशुओं को बाढ़ से बचाने के लिए उठाएं ये जरूरी कदम, जानें क्या करना चाहिए

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प्रतीकात्मक फोटो:

नई दिल्ली. इन दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हो रही है. इससे आम इंसानों को मुश्किलें हो रही हैं. जहां आम इंसान परेशान हैं तो वहीं पशुओं को भी दिक्कत आ रही है. जिन राज्यों में भारी बारिश हो रही है वहां पर नदियां उफान पर हैं. इसके चलते खेतों के जरिए पानी गांववों में भी घुस चुका है. ऐसे में पशुपालकों के सामने पशुओं के मैनेजमेंट करने की समस्या खड़ी हो गई है. जहां अभी बाढ़ का खतरा टला नहीं है और बाढ़ आने की संभावना है तो उस इलाके के पशुपालक कुछ अहम प्रबंधन करके पशुओं को बाढ़ के खतरे से बचा सकते हैं.

इसके लिए जरूरी है कि बाढ़ से कैसे बचाना है, इसकी मुकम्मल जानकारी हो. पशुपालन निदेशालय, पशु एवं मत्स्य संसाधन पिनाग, बिहार( (Directorate of Animal Husbandry, Animal and Fishery Resources, Bihar) की ओर से इसको लेकर एडवाइजरी जारी की गई है.

बाढ़ में क्या करें
बाढ़ आने की स्थिति में पशु को रखने की व्यवस्था ऊंचे स्थान पर करना चाहिए. जहां जल निकास की उचित व्यवस्था हो ताकि पशु परिसर साफ एवं सूखा रहे तथा गर्मी एवं नमी जनित रोगों से पशुओं को बचाया जा सके.

पोल्ट्री फार्म को साफ एवं स्वच्छ रखने के लिये समय-समय पर कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए.

पशुशाला को अत्यधिक नमी से बचाने के लिए पशुशाला में चूने का छिड़काव करना चाहिए.

पशुओं को संतुलित आहार तथा साफ एवं ताजा पानी उपलब्ध कराना चाहिए. बाद में डूबी घास एवं पहले का भींगा हुआ भूसा आदि न खाने दें.

परजीवी और बाह्य परजीवी का प्रकोप इस समय काफी होता है. इनसे बचाव के लिए सभी पशुओं में कृमिनाशक दवा का उपयोग अवश्य करें.

बाढ़ के समय मर गए पशुओं से कई प्रकार की बीमारियों फैलने की संभावना अधिक होती है. इसलिए मृत पशुओं का निस्तारण सावधानीपूर्वक करें.

बीमार एवं घायल पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए एवं उपचार हेतु पशु चिकित्सक से सम्पर्क स्थापित करना चाहिए.

संक्रामक रोगों से बचाव हेतु आवश्यक सावधानी बरतें.

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