नई दिल्ली. पशुपालन में किसानों को मदद पहुंचाने के मकसद से कालेज ऑफ वेटेरिनरी एंड एनीमल साइंसेस, किशंगंज की ओर से समय—समय पर पशुओं के लिए हैल्थ कैंप का आयोजन किया जाता है. ताकि किसानों को पशुपालन में कोई दिक्कत आए तो उसका समाधान किया जा सके. पिछले दिनों किशनगंज के धोबिनिया गांव में इस सिलसिले में किसान संवाद सह पशु स्वास्थ्य शिविर” आयोजित किया. जहां 60 पशुपालकों के 224 छोटे और बड़े जानवरों को मुफ्त में व्यापक पशु स्वास्थ्य जांच की गई जिसमें कीड़े मारने की दवा और विभिन्न सामान्य पशु रोगों के उपचार शामिल थे. वहीं गर्मी में कैसे पशुओं की देखभाल की जाए इसके लिए जरूरी टिप्स दिए.
इस स्वास्थ्य शिविर को डॉ. हेमंत कुमार, सहायक प्रोफेसर, पशुपालन फार्म कॉम्प्लेक्स, COVAS, किशंगंज द्वारा डॉ. चंद्रहास, डीन, COVAS, किशंगंज के नेतृत्व में आयोजित किया गया. 20 फैकल्टी सदस्यों और 3 इंटर्न छात्रों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपने ज्ञान और प्रयासों का योगदान दिया. विशेषज्ञों ने पशु कल्याण, रोग रोकथाम के तरीके, संतुलित पशु पोषण और वैज्ञानिक पशुपालन प्रथाओं पर सलाह दी गई. यह साप्ताहिक किसान आउटरीच कार्यक्रम संस्थान का प्रयास है ताकि आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में पशु स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा दिया जा सके, जिससे पशुधन मालिकों की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सके.
किसानों के सवालों के एक्सपर्ट ने दिए जवाब
वहीं किशंगंज के पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान कॉलेज ने किशंगंज जिला के ब्लॉक पोठिया के गांव डांगी बस्ती में भी किसान संवाद सह पशु स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया, जो एक साप्ताहिक एक्सटेंशन गतिविधि के रूप में किया गया. इसे पशु चिकित्सा गायनकॉलॉजी और प्रसूति विभाग द्वारा आयोजित किया गया. जहां 14 विशेषज्ञों की एक टीम ने 96 लाभार्थियों के 313 जानवरों और पक्षियों को सेवाएँ प्रदान की। बीमारियों के इलाज के अलावा, स्थानीय पशुओं के संपूर्ण स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कीड़े मारने की दवा और खनिज सप्लीमेंट भी प्रदान किए गए. पशु चिकित्सा विशेषज्ञों ने किसानों के प्रश्नों का उत्तर दिया और उन्हें इस क्षेत्र के अच्छी प्रबंधन प्रथाओं, चारों और चारे के बारे में तथा प्री-मॉनसून के दौरान अपनाए जाने वाले सुरक्षात्मक उपायों के बारे में शिक्षित किया. किसान संवाद सत्र में, पशुपालकों का उनके वर्तमान पशुपालन की स्थिति और भविष्य की उम्मीदों के बारे में साक्षात्कार लिया गया.
उद्योग-शिक्षा संवाद कार्यक्रम का आयोजन
वहीं मात्स्यिकी महाविद्यालय, किशनगंज में विर्बैक एनिमल हेल्थ इंडिया प्रा. लि. के सहयोग से “उद्योग-शिक्षा संवाद” कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान अंतिम वर्ष के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को मत्स्य स्वास्थ्य प्रबंधन में नई तकनीकों और नवाचारों की जानकारी दी गई. डॉ. सैनी ने अपने संबोधन में छात्रों को अनुसंधान और संभावित करियर विकल्पों की जानकारी दी और इस प्रकार के संवादों को छात्र-उद्योग संबंधों को सशक्त करने में सहायक बताया. विर्बैक के अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए छात्रों से संवाद किया, जिससे उन्हें उद्योग की वास्तविक कार्यप्रणाली को समझने का अवसर मिला. इस आयोजन में छात्रों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली, और सभी ने इसे एक बेहद ही उपयोगी और प्रेरणादायक अनुभव बताया.
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