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Animal Diet: पशु को इस तरह दें डाइट, बढ़ जाएगा दूध

मतलब पशु की अच्छी ग्रोथ के लिए जरूरी राशन-पानी दिया जाना चाहिए. वहीं प्रेग्नेंसी के वक्त किस तरह की डाइट दी जाए जो उसकी जरूरत पूरी हो सके. वहीं यदि अच्छा प्रोडक्शन चाहते हैं तो उस तरह से डाइट दी जानी चाहिए.
गडवासु के पशु मेले में भैंस को निहारते लोग.

नई दिल्ली. पशुपालन करने के दौरान पशुपालकों को कई बातों का ख्याल करना पड़ता है. तभी पशुपालकों को पशुपालन से फायदा मिलता है. खास करके पशुओं के आहार को लेकर जरूर कुछ चीजों का ध्यान देना चाहिए. बात भैंस की जाए तो भैंस को खाना−दाना खिलाते समय हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि उसकी दी जा रही डाइट किस मकसद के लिए दी जा रही है. भैंस के शरीर में दी गई डाइट का कहां और कैसे उपयोग में होगा. इस आधार पर आहार/राशन को देना चाहिए.

अगर पशुपालक चाहें तो आहर को 4 हिस्सों में बांट सकते हैं. एक डाइट जीवन निर्वाह आहार हो सकता है, मतलब पशु को उतना आहार दिया जाए कि जो उसको जिंदा रखने में मदद करे. दूसरा हिस्सा बढ़वार आहार हो सकता है. मतलब पशु की अच्छी ग्रोथ के लिए जरूरी राशन-पानी दिया जाना चाहिए. वहीं प्रेग्नेंसी के वक्त किस तरह की डाइट दी जाए जो उसकी जरूरत पूरी हो सके. वहीं यदि अच्छा प्रोडक्शन चाहते हैं तो उस तरह से डाइट दी जानी चाहिए.

जीवन निर्वाह आहारः चारे तथा दाने की वह कम से कम मात्रा जो पशु की आवश्यक जीवन क्रियाओं के लिए जरूरी होती है. जिससे पशु विशेष के वजन में न तो कमी आए न ही वृद्धि हो, जीवन निर्वाह आहार कहलाती है. जीवन निर्वाह आहार की मात्रा पशु के वजन पर निर्भर करती है. दूसरे शब्दों में अधिक वजन वाले पशु को जीवन निर्वाह के लिए अधिक आहार की आवश्यकता पड़ती है. चारे के अतिरिक्त एक वयस्क भैंस को लगभग एक से दो किलोग्राम दाना मिश्रण जीवन निर्वाह आहार के रूप में दिया जाता है.

बढ़वार आहार – चारे व दाने की वह मात्रा जो छोटे बच्चों की शारीरिक वृद्धि कर उनका वजन बढ़ाने में खर्च होती है. इसे हम बढ़वार के लिए राशन देना कह सकते हैं. इसे जीवन निर्वाह आहार के अतिरिक्त दिया जाता है. बढ़ते हुए कटड़े/कटड़ियों को उम्र के अनुसार आधा किलो से दो किलो तक दाना मिश्रण चारे के अतिरिक्त खिलाया जाता है.

गर्भावस्था डाइट – पशु के सात महीने से अधिक की गाभिन होने पर उसे जीवन निर्वाह के अतिरिक्त गर्भावस्था में बच्चे के विकास तथा पशु को इस दौरान स्वस्थ रखने के लिए जिस अतिरिक्त राशन की आवश्यकता होती है उसे गर्भावस्था आहार कहते हैं. भैंस को चारे की गुणवत्ता और गर्भाधान के दिन के आधार पर आठवें महीने से 1 से 2 किलोग्राम दाना मिश्रण अवश्य दिया जाता है.

प्रोडक्शन डाइट – जीवन निर्वाह आहार के अतिरिक्त जो राशन दूध उत्पादन के लिए दिया जाता है, वह उत्पादकता आहार कहलाता है. उत्पादकता आहार की मात्रा भैंस द्वारा दिये जाने वाले दूध पर निर्भर करती है. दूसरे शब्दों में अधिक दूध देने वाली भैंस को अधिक प्रोडक्शन वाला आहार दिया जाता है. भैंस को प्रत्येक दो किलोग्राम दूध पर (6 से 7 कि0ग्रा0 प्रतिदिन दूध होने पर) एक किलोग्राम दाना मिश्रण की आवश्यकता पड़ती है. यह भरपेट अच्छे चारे के अतिरिक्त होती है.

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