Home पशुपालन Animal Husbandry: पोल्ट्री-डेयरी को बढ़ावा देने के लिए तीनों बातों पर दिया गया जोर, पढ़ें क्या बोले अफसर
पशुपालन

Animal Husbandry: पोल्ट्री-डेयरी को बढ़ावा देने के लिए तीनों बातों पर दिया गया जोर, पढ़ें क्या बोले अफसर

animal husbandry
बैठक में मौजूद तमाम अधिकारी.

नई दिल्ली. सरकार की मंशा है कि देशभर में पशुपालन को बढ़ावा दिया जाए. इसी के तहत देश की राजधानी में हाई लेवल रीजनल समीक्षा बैठक में इसी मुद्दे को लेकर चर्चा हुई. खासतौर पर दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से पोल्ट्री, डेयरी और पशुधन विकास को बढ़ावा देने की अपील की गई. बैठक में दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों यानि आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, पुडुचेरी और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तमााम आला अधिकारी शामिल हुए थे. बैठक के दौरान, पशुपालन और डेयरी विभाग की कई प्रमुख योजनाओं, जिसमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM), राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (NLM) और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) शामिल हैं, की वित्तीय प्रगति की समीक्षा की गई.

पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय की अध्यक्षता में आयोजित की गई बैठक में देश के दक्षिणी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महत्वपूर्ण पशुपालन कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रगति पर केंद्रित थी. समीक्षा के प्रमुख क्षेत्रों में 21वां पशुधन जनगणना, पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रमों की प्रगति, पशु चिकित्सा शिक्षा का विस्तार आदि शामिल रहे.

चारा बीजों की क्वालिटी में सुधार पर जोर
प्राथमिक सिफारिशों में से एक पोल्ट्री, सुअर पालन और अन्य पशुधन क्षेत्रों के लिए संभावित समूहों की पहचान करना शामिल था. DAHD की सचिव अल्का उपाध्याय ने कहा कि लाभार्थियों के बीच AHIDF योजना को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया. ताकि इसके फायदों को ज्यादा किया जा सके और उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके. उन्होंने प्रमाणित चारा बीजों का उपयोग करने का भी अपील किया जो स्वीकृत एजेंसियों से प्राप्त किए गए हों ताकि चारे की गुणवत्ता में सुधार हो सके और उत्पादकता बढ़ सके.

पशु चिकित्सा शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर किया जाए काम
बैठक के दौरान, DAHD सचिव ने देश में पेशेवर पशु चिकित्सकों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पशु चिकित्सा शिक्षा प्रणाली का विस्तार करने की तुरंत जरूरत पर प्रकाश डाला. उन्होंने राज्यों से और अधिक पशु चिकित्सा विद्यालय स्थापित करने और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत बनाए गए स्व-सहायता समूहों (SHG) की ताकत का फायदा उठाने का आह्वान किया ताकि पशुपालन क्षेत्र में मजबूत सामुदायिक सहभागिता का निर्माण किया जा सके. देश में पशु कल्याण और उत्पादकता को और बेहतर बनाने के लिए पशु चिकित्सा अस्पताल, क्लीनिकल तरीके और पशुधन हैल्थ रिपोर्टिंग सिस्टम जैसे पशु चिकित्सा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के महत्व पर भी बैठक में जोर दिया गया.

पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रमों की हुई समीक्षा
सरकार के प्रमुख राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NADCP), पर भी चर्चा की गयी. जिसका मकसद खुरपका और मुंहपका बीमारी (FMD) और ब्रुसेलोसिस जैसे प्रमुख रोगों को नियंत्रित करना है. DAHD सचिव ने मवेशियों, भैंसों, भेड़ों और बकरियों के लिए छह महीने के टीकाकरण की स्थिति की समीक्षा की. अन्य विषयों में पशु रोगों के नियंत्रण के लिए राज्यों को मदद (ASCAD) के तहत आने वाले घटक, मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (MUV) का संचालन और जमीनी स्तर पर “पशु कल्याण समितियाँ” का गठन शामिल था. देश में संगठित डेयरी क्षेत्र के कवरेज को बढ़ाने, उद्यमिता विकास कार्यक्रमों को बढ़ावा देने, विशेष रूप से बकरी और पोल्ट्री क्षेत्र में और दक्षिणी क्षेत्र में पशुधन क्षेत्र को मजबूत करने के लिए NLM और AHIDF के फायदों को लेकर बुनियादी ढांचे और पूंजी निर्माण को अनुकूल करने पर भी जोर दिया गया.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

cow dunk use
पशुपालन

Himachal: पशुपालकों से 3 रुपये किलो में गोबर खरीदेगी हिमाचल की कांग्रेस सरकार, जानें क्या है प्रोसेस

गोबर खरीदने के बाद सरकारी कृषि फार्म में इसका इस्तेमाल किया जाएगा....

fodder for india'animal, milk rate, feed rate, animal feed rate
पशुपालन

Animal Husbandry: डेयरी पशुओं पर भी बनाए जाते हैं टैटू, जानें पशुपालन में क्यों पड़ती है इसकी जरूरत

नवजात बछड़े बछड़ियों की पहचान के लिए टैटू बनाना सबसे उपयुक्त तरीका...