नई दिल्ली. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और डेयरी स्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण के लिए, हिमाचल प्रदेश सरकार ने नाहन, नालागढ़, मोहल और रोहड़ू में नए दूध प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना को मंज़ूरी दे दी है. उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा, हमीरपुर के जलारी में एक मिल्क चीजिंग प्लांट केंद्र और झलेरा (ऊना) में एक बल्क मिल्क कूलर भी स्थापित किया जाएगा. आगे बोले कि राज्य की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और खेती-बाड़ी में लगी हुई है, जिससे डेयरी विकास एक प्रमुख प्राथमिकता बन गया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, प्लांट की स्थापना से दूध स्टोरेज में वृद्धि होगी, किसानों को सही फायदा मिलेगा और दूध खरीद के गुणवत्ता मानकों में सुधार होगा.
क्या-क्या काम हो रहा है
वहीं हिमाचल प्रदेश में दुध महासंघ (मिल्कफेड) जल्द ही एक उद्यम संसाधन योजना (ईआरपी) सिस्टम शुरू करेगा.
यह डिजिटल प्लेटफॉर्म किसानों को मिल्क स्टोरेज, भुगतान की स्थिति, गुणवत्ता परीक्षण के परिणाम और खरीद दरों पर वास्तविक समय के अपडेट सहित आवश्यक जानकारी सीधे अपने मोबाइल फोन पर प्राप्त करने की अनुमति देगा.
उन्होंने आगे कहा, “सभी लेन-देन को डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करके, ईआरपी प्रणाली मैन्युअल त्रुटियों को कम करेगी और हेराफेरी को रोकेगी.
किसान आपूर्ति किए गए हर एक लीटर दूध और प्राप्त प्रत्येक भुगतान पर नजर रख सकेंगे.
सहीं तरह से रिकॉर्ड-कीपिंग से बिल प्रक्रिया में भी तेज़ी आएगी, जिससे किसानों के बैंक खातों में सीधे भुगतान हो सकेगा.”
उन्होंने आगे बताया कि कांगड़ा जिले के धगवार में एक आधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट का काम चल रहा है.
एक बार चालू हो जाने पर, यह दही, लस्सी, मक्खन, घी, पनीर, फ्लेवर्ड मिल्क, खोया और मोज़ेरेला चीज़ का उत्पादन करेगा.
राज्य सरकार पशुपालन और डेयरी बुनियादी ढांचे में निरंतर निवेश के माध्यम से ग्रामीण आजीविका के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है.
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