नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में किसान क्रेडिट कार्ड केसीसी योजना पशुपालकों को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है. इसके तहत पशुपालन और मत्स्य पालन गतिविधियों को शामिल करके किसानों को अल्पकालीन कार्यशील पूंजी लोन की सुविधा मध्य प्रदेश सरकार की ओर से दी जाती है. जिससे किसान अपने व्यवसाय को और बेहतर तरीके से चला सकें. गौरतलब है कि पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई सारी योजना चला रही है. उन्हें तमाम योजनाओं में से मध्य प्रदेश सरकार की ओर से चलाई जा रही केसीसी योजना भी है. जिसका फायदा किसानों को मिल रहा है. इससे वो अपने काम को और मजबूत कर सकते हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केसीसी योजना के तहत पशुपालकों को मध्य प्रदेश में पशुपालन और मत्स्य पालन गतिविधि के लिए लोन मुहैया कराया जा रहा है. जिससे वह आगे बढ़ा पा रहे हैं. मसलन, किसी के पास एक से दो भैंस है तो वह इस योजना का लाभ लेकर इसकी संख्या में इजाफा कर रहा है. वहीं मछली पालन में भी इजाफा हो रहा है. जिससे मछली पालन का काम बढ़ रहा है.
बिना कुछ गिरवी रखे लें लोन
बता दें कि सरकार की इस योजना के तहत बैंक 1.7 लाख रुपए तक बिना किसी चीज को गिरवी रखें लोन दे रहे हैं. जिससे व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित हो रही है और सहयोगी क्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है. योजना के तहत लोन लेने के लिए पशुपालक और दूध उत्पादक संगठन खुद सीधे बैंकों से या फिर विभागीय जिला नोडल अधिकारी उप संचालक पशु पालन एवं डेयरी पशु चिकित्सा संस्था प्रभारी दूध सहकारी समितियां के माध्यम से ऑफलाइन या ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. बता दें कि साल 2019 में केसीसी योजना की विस्तार में पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन को शामिल किया गया था, जिसे अब पशुपालन भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
कितना मिलेगा फायदा
केसीसी लिंक करने पर पशु चारा, दाना और बांटा की खरीद किया जा सकता है. इसके लिए प्रति गया 18 हजार रुपए और प्रति भैंस 20 हजार रुपए 3 माह के लिए कार्यशील पूंजी लोन लिया जा सकता है. पशुपालकों को जिस बैंक में पहले से केसीसी हो उसी में इस लिंक करना होगा. आवेदन केसीसी कराने वाले व्यक्ति के नाम से करें. जिसके नाम से केसीसी हो वो खाता डिफॉल्टर या ओवरड्यू नहीं होना चाहिए. पशुपालन गतिविधियों में कार्यशील पूंजी के लिए स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है.
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