नई दिल्ली. अक्सर आपने यह सुना और देखा भी होगा कि लाल रंग को देखकर सांड अपना आपा खो देते हैं और लाल रंग पहने व्यक्ति को मारने दौड़ पड़ते हैं. कई बार उन पर गंभीर हमला भी कर देते हैं. जिससे लाल रंग कपड़ा पहने किसी भी व्यक्ति को गंभीर चोट भी आ जाती है. हालांकि बहुत कम ही लोग इस बात को जानते होंगे कि या सिर्फ एक मिथक है. जबकि सांड लाल कपड़े या किसी भी कलर के कपड़े को देखकर नहीं भड़कते हैं. फिर ऐसा क्या होता है कि वह किसी पर हमला कर देते हैं.
बता दे कई देशों में खेल खेले जाते हैं. जिसमें लाल रंग दिखाकर सांडों को बढ़काया जाता है लेकिन सच्चाई यह है कि लाल रंग देखकर सांड का भड़कना महज एक मिथक है. हकीकत में सारे मवेशियों की तरह सांड भी कलर ब्लाइंड होते हैं. वह किसी रंग को देख नहीं बल्कि किसी भी कपड़े को हिलाया जाने के तरीके से भड़कते हैं. जिस तरह से सांड के सामने लगातार कपड़ा हिलाया जाता है, उसी से वो भड़क जाते हैं और ऐसा करने वाले के पीछे पड़ जाते हैं. पशुपालन और डेयरी विभाग ने भी तस्वीर जारी करके इसी ओर इशारा किया है.
हिलने की वजह से करते हैं हमला
अक्सर अपने बाजार में जहां पर सांड वगैरह मौजूद रहते हैं, लोगों पर हमला करते हुए सांडों को आपने जरूर देखा होगा. एक्सपर्ट का मानना है कि इसके पीछे कोई और वजह नहीं बल्कि जिस व्यक्ति ने कोई कपड़ा पहना हुआ होता है तो वह एक तरह से हिलता है. इस वजह से सांड उसे देखकर भड़क जाते हैं. न कि कलर देखकर. यही वजह है सांड कभी भी किसी पर भी हमला कर सकते हैं. इसलिए सांड के सामने ज्यादा हिलना खतरनाक हो सकता है.
ये साबित भी हो चुका है
डिस्कवरी चैनल के मिथ बस्टर के एक परीक्षण में भी ये साबित हो चुका है. इस प्ररीक्षण में तीन अलग-अलग रंगों, लाल, नीला और सफेद का उपयोग किया गया. सांड ने बिना किसी भेदभाव के तीन रंगों पर आक्रमण किया. आखिरी में उन्होंने एक व्यक्ति को लाल लगे कपड़े पहनाकर रिंग के अंदर खड़ा कर दिया और उसके साथ दो अन्य व्यक्ति का अंदर रखा जो ग्रीन कलर का कपड़ा पहने थे. और इधर-उधर चल फिर रहे थे. सामने उन गतिविधि करने वालों पर सांड ने हमला किया लेकिन लाल कपड़ा पहने व्यक्ति जो सीधा खड़ा तो उसे छोड़ दिया.
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