नई दिल्ली. किसानों को सबल बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई योजनाएं चल रही हैं. इन्हीं योजनाओं में से एक योजना छोटे किसानों को बुढ़ापे में सुरक्षा प्रदान करने की भी है. केंद्र सरकार की यह योजना 2019 में पीएम किसान मंधन के नाम से शुरू की गई थी इसके तहत आवेदक को महीने में मामूली रकम अपने खाते में जमा करनी होती है. इतनी ही रकम सरकार की ओर से भी खाते में दी जाती है. जब किसान 60 साल की उम्र पूरी कर लेता है तो उसे 3 हजार रुपये प्रतिमाह के रूप में पेंशन दी जाती है. इस योजना के तहत लाखों किसान अपने खाते में पैसा जमा कर रहे हैं और भविष्य में उन्हें फायदा होगा.
बता दें कि प्रधानमंत्री किसान मंधन योजना कमजोर किसान परिवारों के लिए शुरू की गई थी. 12 सितंबर 2019 को शुरू की गई इस योजना के तहत किसानों को अपने खाते में 55 रुपये की राशि हर महीने जमा करनी होती है. इतना ही पैसा सरकार की ओर से भी जमा किया जाता है. इस तरह हर महीने किसानों के खाते में 110 रुपये जमा होता है. खास बात यह है कि इस योजना के तहत छोटी और सीमांत किसान पेंशन कोर्स में मासिक अंशदान सदस्य बन सकते हैं.
23.38 लाख किसानों ने किया आवेदन
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों की बात की जाए तो 2024 फरवरी में 23.38 लाख किसानों ने इस योजना के तहत खातों में पैसा जमा करना शुरू किया है. हर माह निश्चित राशि का योगदान कर रहे हैं. योजना के मुताबिक जब 60 साल की उम्र उनकी पूरी हो जाएगी तो हर महीने 3000 रुपये उनके खाते में केंद्र सरकार की ओर से ट्रांसफर किया जाएगा. यह राशि किसान के निधन तक उनके खाते में जाती रहेगी. योजना का मकसद कमजोर वर्ग के किसानों को बुढ़ापे में जीवन यापन के लिए निश्चित राशि उपलब्ध कराना है.
18 से 40 वर्ष के किसान ले सकते हैं फायदा
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई, इस योजना के तहत सबसे ज्यादा कर्नाटक के 41683 किसानों ने आवेदन किया है. यहां अब तक 107851700 रुपये की राशि एकत्रित की गई है और केंद्र सरकार ने भी इतनी ही राशि का योगदान दिया है. पीएम किसान मानधन योजना के लिए 18 से 40 वर्ष की बीच की उम्र वाले किसान ही आवेदन कर सकते हैं. किसान पति और पत्नी दोनों स्वतंत्र रूप से इस योजना के तहत फायदा हासिल कर सकते हैं. आवेदक को हर महीने 55 रुपये से 200 रुपये तक पेंशन खाते में जमा कर सकते हैं. हर महीने 60 वर्ष की उम्र तक ये राशि जमा करनी होगी. किसान चाहें तो बीच में इसे छोड़ भी सकते हैं.
Leave a comment