नई दिल्ली. मछली पालन में मछलियों के साथ कई ऐसी परेशानी आती है जो हर मछली पालक को फेस करनी ही पड़ती है. जब तालाब की मछलियां ऊपर आकर मुंह चलाने लगती हैं तो यह देखकर हर मछली पालक परेशान हो जाता है और उसके मन में यही सवाल होता है कि कहीं तालाब में ऑक्सीजन की कमी तो नहीं हो गई है. जिससे मछलियां इस तरीके का काम कर रही हैं और पानी के ऊपर जाकर सांस ले रही हैं. हालांकि ये जरूरी नहीं है कि ऑक्सीजन की कमी की वजह से ही ऐसा हो. दूसरी वजहों से भी ऐसा होता है.
दरअसल, अक्सर मछली पालकों से गलती हो जाती है कि वह यह समझते हैं कि तालाब में ऑक्सीजन की कमी हो गई है और फिर तालाब में ऑक्सीजन के लिए यह एयरेटर चलाते हैं लेकिन इसके बावजूद मछलियां तालाब के पानी के ऊपर आ जाती हैं और वही गतिविधि को दोहराने लगती हैं. एक्सपर्ट का कहना है जबकि यह प्लैंक्टन की कमी की वजह से भी होता है और ऐसे में मछली पालकों को तालाब में प्लैंक्टन बनाने के लिए काम करना चाहिए.
बार-बार मछलियां आ जाती हैं पानी के ऊपर
आपको यहां ये भी बताते चलें कि यह परेशानी सिर्फ एक वजह से नहीं होती. इसके पीछे कई वजह है. जिसमें से तीन बड़ी वजह ज्यादा मानी जाती है और इसलिए जरूरी है कि इसकी हर एक वजह को जाना जाए और उस हिसाब से तालाब का उपचार किया जाए. ताकि मछलियों को परेशानी ना आए. आपको बता दें कि मछलियां पानी के ऊपर आकर सांस लेने लगती हैं तो इसका पहला कारण तालाब में ऑक्सीजन की कमी भी हो सकता है. क्योंकि आप जब छोटे तालाब में ज्यादा मात्रा में मछली के बीच को डालते हैं तो यह समस्या बार-बार आ सकती है कि सुबह-सुबह ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और सारी मछलियां ऊपर जाकर सांस लेने लगती हैं.
और क्या कारण है पढ़ें यहां
वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि पानी में गंदगी बहुत ज्यादा हो जाती है. इसके कारण भी मछलियां ऊपर आकर सांस लेने लगती हैं. दरअसल, अक्सर तालाब में झाग बन जाता है, या तालाब में के पानी से गैस उत्पन्न होने लगती है. तब इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. दरअसल, तालाब के नीचे से जहरीली गैस अमोनिया, हाइड्रोजन सल्फाइड उत्पन्न होने लगती है और उसे मछलियां सह नहीं पाती हैं. इसका जो तीसरा कारण है, वह सबसे अहम है और इसे मछली पालक अक्सर नजर अंदाज कर देते हैं. दरअसल तालाब में जब प्लैंक्टन नहीं बनता है तब मछलियां परेशान हो जाती हैं. क्योंकि मछलियों का असली खाना प्लैंक्टन ही होता है.
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